
नई रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सौर ऊर्जा बाजार अगले एक दशक में लगभग चार गुना बढ़कर 2034 तक $1.6 ट्रिलियन (लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने वाला है। यह 2024 के $0.4 ट्रिलियन की तुलना में एक भारी बढ़ोतरी है, जो सालाना 15.2% की चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है।
वृद्धि के पीछे के कारण
इस विस्फोटक विकास के पीछे मुख्य कारण हैं: फोटोवोल्टिक (PV) टेक्नोलॉजी में लगातार हो रहे तकनीकी नवाचार, सौर पैनल इंस्टालेशन की लागत में गिरावट, और विश्वभर की सरकारों द्वारा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली अनुकूल नीतियां। साथ ही, कार्बन उत्सर्जन को कम करने की वैश्विक जरूरत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में बढ़ते प्रयास भी बाजार को बढ़ावा दे रहे हैं।
अब तक की स्थिति और चुनौतियां
जुलाई 2025 तक, सौर ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन का लगभग 8% हिस्सा है। यह सस्ते और पर्यावरण हितैषी विकल्प के तौर पर पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की जगह लेती जा रही है। लेकिन, मौसम और दिन-रात के बदलाव जैसी वजहों से इसकी उत्पादन क्षमता में उतार-चढ़ाव होना ग्रिड मैनेजमेंट में चुनौतियां पैदा करता है।
भविष्य में अवसर
रिपोर्ट में बिल्डिंग-इंटीग्रेटेड फोटोवोल्टिक्स (BIPV) और उन्नत ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बड़े अवसरों के तौर पर पहचाना गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2050 तक सौर ऊर्जा जीवाश्म ईंधन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का मुख्य ऊर्जा स्रोत बन सकती है।
सौर ऊर्जा उद्योग में निवेश के लिए यह एक सुनहरा मौका है। तकनीकी नवाचार, घटती लागत और मजबूत सरकारी नीतियां इस बाजार को आगे बढ़ा रही हैं। हालांकि, उतार-चढ़ाव की दिक्कतें हैं, लेकिन समाधान भी खोजे जा रहे हैं जो आने वाले समय में इस क्षेत्र को और मजबूती देंगे।









