
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के जिलाधिकारी (DM) अजय कुमार द्विवेदी ने वोटर लिस्ट और ज़मीन के मालिकाना हक को लेकर फैले भ्रम को स्पष्ट किया है। सोशल मीडिया पर यह सवाल उठ रहा था कि अगर किसी का वोट शहर में बना है, तो क्या उसकी गाँव की ज़मीन खतरे में पड़ जाएगी, या अगर दो जगह वोट बने हैं तो क्या होगा। जिलाधिकारी ने साफ किया कि वोट का जमीन-जायदाद से कोई संबंध नहीं होता है। आपका वोट चाहे कहीं भी हो, आपकी ज़मीन पर आपका मालिकाना हक बना रहेगा।
वोटर कार्ड कहाँ बनेगा, जानें सही नियम
जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने स्पष्ट किया है कि आपका वोटर कार्ड वहीं बनाया जाता है, जहाँ आप सामान्य रूप से निवास करते हैं। इसका मतलब है कि यदि आप शहर में रहते हैं तो आपका वोट शहर में बनेगा, और यदि आप गाँव में रहते हैं तो वोट गाँव में बनेगा। उन्होंने साफ किया कि यह आपकी इच्छा या पसंद का विषय नहीं है; वोटर कार्ड हमेशा आपके वास्तविक निवास स्थान के आधार पर ही बनता है।
एक व्यक्ति, एक ही जगह वोट मान्य
कानून के अनुसार, एक व्यक्ति का वोट केवल एक ही जगह मान्य हो सकता है। यदि आपका नाम दो अलग-अलग जगहों की मतदाता सूची में दर्ज है, तो आपका वोट एक जगह से हटा दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट किया है कि वोट हटने का मतलब आपकी जमीन या संपत्ति से हटना नहीं है। इस प्रक्रिया का आपकी संपत्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विदेशों में रहने वाले भारतीयों (NRI) के लिए वोटिंग प्रक्रिया
जिलाधिकारी ने बताया कि विदेशों में रहने वाले अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए वोट डालने की एक अलग व्यवस्था है। NRI मतदाता बनने के लिए फॉर्म-6 भर सकते हैं, जिसे ऑनलाइन भी जमा किया जा सकता है। इसके लिए, उन्हें अपने पासपोर्ट और वीज़ा की सेल्फ-अटेस्टेड कॉपी अपलोड करनी होगी। ध्यान रहे, आपका वोट उसी पते पर बनेगा जो आपके पासपोर्ट में दर्ज है।









