हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने राज्य के सभी स्कूलों के लिए मानसून छुट्टियों का शेड्यूल जारी कर दिया है. इन छुट्टियों का पालन सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा. अगर कोई स्कूल निर्धारित शेड्यूल का पालन नहीं करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

छुट्टियां स्कूलों के स्थान और मौसम के हिसाब से तय की गईं
राज्य के विभिन्न स्कूलों के लिए छुट्टियाँ उनकी जगह और मौसम के आधार पर निर्धारित की गई हैं. ग्रीष्मकालीन, शीतकालीन और विशेष क्षेत्रों जैसे कुल्लू, नालागढ़, पांवटा साहिब आदि के स्कूलों के लिए अलग-अलग अवकाश तिथियां तय की गई हैं. स्कूलों को इन तिथियों का पालन करना अनिवार्य होगा.
मानसून छुट्टियों में स्कूल खोलने पर होगी कार्रवाई
HPBOSE ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई स्कूल मानसून छुट्टियों के दौरान खुला पाया जाता है या बारिश के कारण कोई हादसा होता है, तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी. इसके अलावा, अगर स्कूल सरकारी निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसलिए सभी स्कूलों को छुट्टियों के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जरूरी है.
मानसून के दौरान सुरक्षा की चिंता
हिमाचल प्रदेश में मानसून अवकाश की घोषणा भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए की गई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और कई क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और सोलन जैसे जिले हाई अलर्ट पर हैं. बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
छुट्टियों का शेड्यूल
- ग्रीष्मकालीन स्कूल: 12 जुलाई से 12 अगस्त 2025
- जिला कुल्लू के स्कूल: 20 जुलाई से 12 अगस्त 2025
- शीतकालीन स्कूल: 7 अगस्त से 12 अगस्त 2025
- अत्यधिक गर्मी वाले क्षेत्र (नालागढ़, फतेहपुर, सूरियां, इंदौरा, पांवटा साहिब, अंब – ऊना): 3 अगस्त से 12 अगस्त 2025
बच्चों की सुरक्षा पहले, नियमों का पालन जरूरी
मानसून में अचानक आ जाने वाले खतरे को देखते हुए स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए छुट्टियों का पालन करने के आदेश हैं. अगर कोई स्कूल नियमों की का पालन नहीं करता है और यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी.