
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जानकारी दी है कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के 35.44 लाख जमाकर्ताओं को अब तक ₹6,841.86 करोड़ की राशि वापस कर दी गई है। यह रिफंड सहारा रिफंड और री-सबमिशन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हुए 1.41 करोड़ आवेदनों में से किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने वास्तविक जमाकर्ताओं को भुगतान पूरा करने की समय सीमा को अब 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दिया है। लंबे समय से लाखों लोगों की जमा राशि इन समितियों में फँसी हुई थी, और यह वापसी उनके लिए एक बड़ी राहत है।
सहारा रिफंड को लेकर अमित शाह ने दिया आश्वासन
गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि मंत्रालय सभी वास्तविक जमाकर्ताओं (Genuine Depositors) को उनकी जमा राशि लौटाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। रिफंड की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए कई व्यवस्थाएँ लागू की गई हैं। इनमें दस्तावेजों का सही सत्यापन, बैंक खातों का आधार से लिंक होना ज़रूरी है, साथ ही बार-बार आवेदन करने की सुविधा और पूरी प्रक्रिया की डिजिटल निगरानी भी की जा रही है। इन कदमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल पात्र लोगों को ही उनका पैसा वापस मिले।
35.44 लाख जमाकर्ताओं को मिला पैसा
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सहारा रिफंड पोर्टल पर अब तक कुल 1.41 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है। इनमें से, उन 35.44 लाख जमाकर्ताओं को भुगतान कर दिया गया है जिनके दस्तावेज़ सत्यापन (Verification) में सही पाए गए हैं। सरकार की मौजूदा नीति के तहत, प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम ₹50,000 की राशि सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जा रही है। भुगतान केवल उन्हीं दावों का हो रहा है, जिनकी पहचान और जमा की गई राशि का प्रमाण बिल्कुल सही मिला है।
रिफंड के लिए दोबारा मिलेगा मौका
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि रिफंड की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल और पेपरलेस है, जिससे काम में पारदर्शिता और तेज़ी सुनिश्चित होती है। आवेदनों की जाँच एक तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत की जाती है। यदि आवेदन में कोई कमी पाई जाती है, तो जमाकर्ता को तुरंत पोर्टल पर इसकी सूचना दी जाती है।
दस्तावेज़ों में सुधार करने के बाद, उन्हें री-सबमिशन पोर्टल पर दोबारा अपलोड किया जा सकता है। यह री-सबमिशन पोर्टल 15 नवंबर 2023 को इसलिए शुरू किया गया था, ताकि जिन लोगों के दस्तावेज़ पहले अधूरे या गलत थे, वे दोबारा आवेदन करके रिफंड पा सकें।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही प्रक्रिया, समय सीमा बढ़ी
सहारा रिफंड की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की सीधी निगरानी में चलाई जा रही है। इस पूरे अभियान की निगरानी, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी कर रहे हैं, और उनके साथ अमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) गौतम अग्रवाल भी सहयोग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा में फंसे पैसों को वापस करने की इस प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा को अब 31 दिसंबर 2026 तक बढ़ा दिया है।
सहारा रिफंड अभियान कैसे शुरू हुआ?
- शुरुआत: यह रिफंड अभियान सुप्रीम कोर्ट के 23 मार्च 2023 के आदेश के बाद शुरू हुआ।
- पोर्टल लॉन्च: सरकार ने इसके लिए CRCS–Sahara रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) लॉन्च किया।
- उद्देश्य: इस पोर्टल के माध्यम से सहारा समूह की चार मल्टी-स्टेट सहकारी समितियों के जमाकर्ता अपना दावा (claim) कर सकते हैं।
- चार समितियाँ: ये चार समितियाँ जिनमें पैसा फंसा हुआ था, वे हैं:
- सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, लखनऊ
- सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी लिमिटेड, भोपाल
- हमार इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, कोलकाता
- स्टार्स मल्टीपरपज को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, हैदराबाद
- मांग: यह पहल लाखों लोगों की लंबे समय से चली आ रही जमा राशि वापसी की मांग को पूरा करने के लिए की गई है।
सहारा रिफंड पाने के लिए जमाकर्ता क्या करें?
अगर आपका पैसा सहारा की किसी भी सहकारी समिति में फंसा हुआ है, तो आपको तुरंत CRCS–Sahara रिफंड पोर्टल पर जाकर अपना दावा (claim) दर्ज करना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आपका आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी पोर्टल पर सही और अपडेटेड हो।
यदि आपके आवेदन में कोई कमी पाई जाती है, तो आप री-सबमिशन पोर्टल पर जाकर उसमें सुधार कर सकते हैं। यह लाखों जमाकर्ताओं के लिए राहत की बात है कि सरकार ने अब तक हजारों करोड़ रुपये वापस लौटा दिए हैं, और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया 2026 तक जारी रहेगी। इस पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर सही जमाकर्ता को उसकी मेहनत की कमाई वापस मिल सके।









