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RTI Law Change Controversy: कानून में संशोधन पर गरमाई सियासत, जयराम रमेश ने सरकार पर साधा निशाना

RTI कानून में हुए संशोधन को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार पर पारदर्शिता खत्म करने का आरोप लगाया है, तो BJP ने दी पलटवार की सफाई। आखिर नया बदलाव जनता के अधिकारों को कितना प्रभावित करेगा? जानें पूरी रिपोर्ट और विवाद की असली वजह।

By Pinki Negi

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI एक्ट) के 20 वर्ष पूरे होने पर अपनी टिपण्णी देते हुए इसके कमजोर पड़ने की बात कहि है। उनका कहना है की जो कानून 20 वर्ष पहले शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से बनाया गया था, आज उसकी हकीकत कुछ और है। वर्ष 2019 से पहले अधिकार आधारित कानून बनते थे, जिसकी शुरुआत RTI एक्ट से हुई थी, हालांकि 2019 में संसोधन से इसका मकसद अधिकारों को कमजोर करना बन गया है।

जयरात रमेश की माने तो जब आरटीआई एक्ट बना था, तो इसे स्टैंडिंग कमेटी को भेजा था। जहाँ कई सिफारिशों के बाद इस कानून को मान लिया गया था, कानून पास होने पर इन संसोधन के साथ पारित हुआ था। वहीं 2019 में मोदी सरकार ने स्थाई समिति के लिए किए गए संसोधनों को नहीं माना है।

क्यों किया गया संशोधन?

मोदी सरकार के इन संशोधनों के पीछे कई कारण थे, जिनमें से मुख्य कारण निम्नलिखित है।

  • पीएम ने कहा था की करोड़ों लोगों का बोगस राशन कार्ड है, लेकिन आरटीआई की जाँच में यह दावे फर्जी पाए गए।
  • आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के 4 घंटे पहले आरबीआई की सेन्ट्रल कमिटी की बैठक में कहा गया था की नोटबंदी से काले धन और नकली नोटों पर कोई असर नहीं होगा।
  • सीआईसी के मुख्या ने निर्णय दिया की पीएम की तथाकथित डिग्री MA इन एंटायर पॉलिटिक्ल साइंस की जानकारी हासिल होनी चाहिए, जो एक बड़ा निर्णय था।
  • जानकारी में पूछा गया की कितना काला धन वापस आया तो जवाब में आरटीआई ने कहा की कोई काला धन वापस नहीं आया।
  • किसी ने आरटीआई में एप्लीकेशन पूछा की बकेरेदारों की लिस्ट दिखाइए तो बताया गया की लिस्ट आरबीआई ने PMO में भेज दी है।

RTI को कमजोर करने की कोशिश जारी

वर्ष 2019 में जयराम रमेश ने मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर एससी में चुनौती दी थी, लेकिन 6 साल बाद भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। 20 साल बाद CIC में न कोई मुखिया है और 7 इन्फॉर्मेशन कमिश्नर की नियुक्ति नहीं की गई है, पिछले साल में बार में आया समय आया है जब CIC ही नहीं है। इससे सरकार का यही मकसद नजर आ रहा है की वह आरटीआई को कमजोर करके नजरअंदाज कर रही है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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