Tags

Pitru Paksha 2025: अविवाहित पुत्र की मृत्यु पर कौन करता है श्राद्ध? तर्पण और श्राद्ध से जुड़े अहम नियम

पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्व बहुत ज्यादा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर किसी अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उनका श्राद्ध कौन करता है? शास्त्रों के अनुसार, इसके नियम अलग होते हैं।

By Pinki Negi

Pitru Paksha 2025: अविवाहित पुत्र की मृत्यु पर कौन करता है श्राद्ध? तर्पण और श्राद्ध से जुड़े अहम नियम
Pitru Paksha 2025

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के 16 दिनों में हमारे पूर्वज पृथ्वी पर आते हैं. इन दिनों में उनका श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सकें. गरुड़ पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में श्राद्ध को पूर्वजों की शांति के लिए बहुत ज़रूरी बताया है. हिंदू धर्म में पिता का श्राद्ध बेटा करता है, लेकिन क्या आप जानते है कि अविवाहित बेटे की मृत्यु हो जाने पर उसका श्राद्ध कौन करता है? तो आइए जानते है….

कौन करता है अविवाहित बेटे का श्राद्ध ?

गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि किसी अविवाहित बेटे की मृत्यु हो जाती है, तो उसके श्राद्ध कर्म का अधिकार सबसे पहले उसके पिता का होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अविवाहित होने कारण उसकी कोई संतान नहीं होती है, जिस वजह से पिता को अपने बेटे का श्राद्ध करना होता है. यह माना जाता है कि पिता द्वारा किया गया यह श्राद्ध कर्म बेटे की आत्मा को मुक्ति दिलाता है और पूर्वजों को शांति प्रदान करता है.

पिता न होने पर कौन करेगा श्राद्ध

यदि मृत व्यक्ति के पिता नही है या किसी वजह से श्राद्ध नही कर पा रहे है, तो उनका श्राद्ध घर के नजदीकी लोग या रिश्तेदार भी कर सकते हैं. यदि घर में बड़ा बेटा है तो श्राद्ध करने की जिम्मेदारी सबसे पहले उसकी होती है. अगर बेटा भी नही है तो चाचा, ताऊ या कोई भी ऐसा रिश्तेदार जिसका खून का रिश्ता हो, वह भी श्राद्ध कर सकते हैं. यदि कोई भी रिश्तेदार नही है तो उस स्थिति में कोई ब्राह्मण या पंडित भी श्राद्ध कर सकते हैं.

अविवाहित व्यक्ति का श्राद्ध करवाना जरूरी

हिंदू धर्म के अनुसार, अगर किसी अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, उसका  जीवन अधूरा माना जाता है. इसलिए उसकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना बहुत जरूरी है. अविवाहित लोगों का श्राद्ध करने का तरीका सामान्य श्राद्ध से थोड़ा अलग होता है. गरुड़ पुराण में नारायण बलि और प्रेत श्राद्ध नामक विशेष विधियों का वर्णन किया गया है.  मान्यता है कि इन्हीं विधियों से श्राद्ध करने पर अविवाहित आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है.

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें