
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोटक महिंद्रा बैंक पर 61.95 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बैंकिंग नियमों के उल्लंघन और अनुपालन में लापरवाही के मामलों में की गई है। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में इस जुर्माने की जानकारी दी। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति या ग्राहकों की जमा राशि को प्रभावित करने के लिए नहीं, बल्कि नियामकीय उल्लंघनों को लेकर चेतावनी के तौर पर उठाया गया है।
आदेश 11 दिसंबर 2025 को जारी किया गया
RBI के मुताबिक, यह जुर्माना 11 दिसंबर 2025 के आदेश के तहत लगाया गया। बैंक के कामकाज की वैधानिक जांच की गई थी और उसके जवाबों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि बैंक ने संबंधित दिशानिर्देशों का पालन ठीक से नहीं किया। बैंक को जांच रिपोर्ट और नोटिस का जवाब देने का पूरा मौका दिया गया था, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया।
किन नियमों का पालन नहीं हुआ
रिजर्व बैंक ने बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक ने बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (BSBD) खातों के नियमों का उल्लंघन किया। नियम के अनुसार, कोई भी व्यक्ति केवल एक ही बीएसबीडी खाता खोल सकता है, जबकि बैंक ने कुछ ग्राहकों के लिए एक से अधिक खाते खोल दिए। यह खाता उन लोगों के लिए बनाया गया है जो कम आय वाले हैं और जिन्हें बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की जरूरत होती है।
बिजनेस कॉरस्पोंडेंट्स की भूमिका का उल्लंघन
RBI ने यह भी कहा कि बैंक ने अपने बिजनेस कॉरस्पोंडेंट्स से ऐसे कार्य करवाए जो उनके तय कार्यक्षेत्र में नहीं आते थे। बैंक प्रतिनिधियों को सिर्फ सीमित सेवाएं देने की अनुमति होती है ताकि ग्राहकों के साथ कोई धोखाधड़ी या अनियमितता न हो। लेकिन निरीक्षण में पाया गया कि कुछ प्रतिनिधियों को निर्धारित सीमा से अधिक कार्यों में लगाया गया था।
ऋण सूचना कंपनियों को गलत रिपोर्टिंग
एक और गंभीर उल्लंघन बैंक द्वारा क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (Credit Information Companies) को गलत जानकारी भेजने से जुड़ा है। यह कंपनियां ग्राहकों के ऋण और भुगतान इतिहास का रिकॉर्ड रखती हैं, जिसके आधार पर उनकी क्रेडिट रेटिंग तय होती है। गलत डेटा देने से ग्राहक की क्रेडिट योग्यता प्रभावित हो सकती है। RBI ने इसे पारदर्शिता के नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया।
जांच और निगरानी प्रक्रिया
बैंक के संचालन की गहन जांच ‘निगरानी आकलन’ के तहत की गई थी। यह निरीक्षण 31 मार्च 2024 तक की वित्तीय स्थिति के आधार पर किया गया। आरबीआई ने बैंक के आंतरिक नियंत्रण, ग्राहक सेवा और नियमों के अनुपालन की समीक्षा की। निरीक्षण रिपोर्ट में कई विसंगतियां चिन्हित की गईं, जिन पर बैंक से स्पष्टीकरण मांगा गया था।
बैंक को दी गई सफाई का मौका
कार्रवाई से पहले कोटक महिंद्रा बैंक को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। बैंक ने अपने पक्ष में दस्तावेज और जवाब प्रस्तुत किए, लेकिन आरबीआई ने पाया कि उल्लंघन तथ्यात्मक रूप से सही हैं और बैंक ने समय पर सुधारात्मक कदम नहीं उठाए। इसके बाद नियामक ने जुर्माना लगाने का निर्णय लिया।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर
RBI ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई बैंक के ग्राहकों की जमा राशि, लोन या बैंकिंग सेवाओं पर कोई सीधा असर नहीं डालेगी। यह केवल नियमन और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है। हालांकि, यह कदम सभी बैंकों के लिए एक सख्त संदेश है कि नियमों के उल्लंघन पर समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है।
बैंकिंग क्षेत्र के लिए चेतावनी
यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि चाहे बैंक कितना भी बड़ा या प्रतिष्ठित क्यों न हो, बैंकिंग कानूनों का पालन अनिवार्य है। नियम तोड़ने पर दंड तय है। आरबीआई की इस सख्ती से बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ावा मिलता है, जिससे ग्राहकों का भरोसा कायम रहता है।
ग्राहकों के हित सर्वोपरि
रिजर्व बैंक ने बार‑बार यह दोहराया है कि उसका मकसद बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित, विश्वसनीय और ग्राहक‑केन्द्रित बनाना है। इस तरह की कार्रवाई न केवल कोटक महिंद्रा बैंक बल्कि पूरे वित्तीय क्षेत्र को यह संदेश देती है कि निगरानी संस्थान नियमों के उल्लंघन को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।









