
RBI ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि SBI, HDFC और ICICI बैंक देश के इतने बड़े और ज़रूरी बैंक हैं कि इन्हें किसी भी हाल में डूबने नहीं दिया जाएगा। इन बैंकों को ‘Domestic Systemically Important Banks’ (D-SIBs) या बैंकिंग सिस्टम के VIP बैंक का दर्जा मिला हुआ है। RBI का कहना है कि अगर इनमें से कोई भी बैंक डगमगाता है, तो इसका सीधा असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसलिए, इन बैंकों के ग्राहकों को चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है।
बड़े बैंकों के लिए RBI के पूंजी नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, देश के जो बड़े बैंक हैं, उन्हें सामान्य बैंकों के मुकाबले ज़्यादा पूंजी (पैसा) अपने पास सुरक्षित रखनी होती है। इस अतिरिक्त पूंजी को कॉमन इक्विटी टियर 1 (CET1) कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी वित्तीय संकट या मुश्किल समय में यह पूंजी बैंक को सुरक्षित रख सके। नियम सीधा है: बैंक जितना बड़ा होगा, उसे अपनी सुरक्षा के लिए उतना ही अधिक CET1 रिज़र्व में रखना पड़ेगा।
देश के सबसे महत्वपूर्ण बैंकों (D-SIB) के लिए RBI के नए नियम
- D-SIB की शुरुआत: RBI ने पहली बार 2014 में D-SIB (डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इम्पोर्टेन्ट बैंक्स) का कॉन्सेप्ट पेश किया था। ये वे बैंक हैं जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
- वर्तमान D-SIB बैंक: वर्तमान में SBI (2015), ICICI Bank (2016) और HDFC Bank (2017) इस लिस्ट में शामिल हैं।
- अतिरिक्त पूंजी (Extra Capital) की अनिवार्यता: RBI अब इन बैंकों को उनकी साइज़ और महत्व के आधार पर अतिरिक्त पूंजी (एक्स्ट्रा CET1) रखने को कह रहा है।
- पूंजी रखने का विवरण (1 अप्रैल 2027 से लागू):
- SBI: बकेट 4 में है, इसे सबसे ज्यादा 0.80% एक्स्ट्रा CET1 रखना होगा।
- HDFC Bank: बकेट 2 में है, इसे 0.40% एक्स्ट्रा CET1 रखना होगा।
- ICICI Bank: बकेट 1 में है, इसे 0.20% एक्स्ट्रा CET1 रखना होगा।
अर्थव्यवस्था की सुरक्षा गारंटी
D-SIB (डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इम्पोर्टेन्ट बैंक्स) को अतिरिक्त पूंजी रखने के निर्देश का सीधा मतलब है कि ये बैंक अब और भी ज़्यादा सुरक्षित माने जाएंगे। इस एक्स्ट्रा कैपिटल के कारण, ये बैंक बड़े से बड़े आर्थिक संकट को भी आसानी से झेल सकते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक और सरकार यह सुनिश्चित करते हैं कि आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए किसी भी बड़ी परेशानी की स्थिति में इन महत्वपूर्ण बैंकों को गिरने नहीं दिया जाएगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुरक्षित रहे।









