Tags

RBI Note Printing: 10, 20, 500 के नोटों को छापने में कितना खर्च होता है? जानें चौंकाने वाला सच

क्या आप जानते हैं कि ₹1 का सिक्का बनाने में सरकार को ₹1.60 क्यों खर्च करने पड़ते हैं? यह जानकर आप चौंक जाएंगे कि सिक्कों को छापना नोटों से भी महंगा है! RBI करोड़ों रुपये सिर्फ छपाई में खर्च करता है। आखिर क्या है असली वजह कि एक छोटी सी मुद्रा अपने मूल्य से भी अधिक में बनती है? जानिए सिक्कों के इस सीक्रेट खर्च के बारे में!

By Pinki Negi

RBI Note Printing: 10, 20, 500 के नोटों को छापने में कितना खर्च होता है? जानें चौंकाने वाला सच
RBI Note Printing

हम अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए 10, 20, 500 के नोटों का इस्तेमाल करते है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि इन नोटों को छापने में कितना खर्च आता है? नोट पर लिखा मूल्य और उसे छापने का वास्तविक खर्च अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं कि भारत सरकार एक नोट की छपाई पर कितने रुपए खर्च करती है।

भारत में नोट कैसे और कहाँ छपते हैं?

आपको बता दें कि भारत में नोट छापने की जिम्मेदारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पास होती है। इसके लिए देश में चार र प्रमुख प्रिंटिंग प्रेस हैं, जो नासिक, देवास, मैसूर और सालबोनी में स्थित है, यहाँ अलग – अलग मूल्य के नोट तैयार किए जाते हैं। इन नोटों को छापने के लिए विशेष कागज़ और इंक का इस्तेमाल होता है, जिसे ज़रूरत पड़ने पर विदेश से भी मंगाया जाता है।

छोटे मूल्य वाले नोटों जैसे – ₹10, ₹20 और ₹50 को छापने में लगभग ₹1 से ₹2 का खर्च आता है। वहीं, ₹100 के नोट पर ₹2 से ₹3, और ₹500 के नोट को बनाने में लगभग ₹2.5 से ₹3 तक का खर्चा आता है।

भारतीय नोटों को बनाने की लागत

बहुत कम लोग जानते होंगे कि , नोट पर जो वैल्यू लिखी होती है, उसे बनाने में असल खर्च उससे काफी कम आता है। नोट छापने के लिए साधारण कागज़ नहीं, बल्कि खास कॉटन और सुरक्षा फीचर्स वाला कागज़ इस्तेमाल होता है। इसमें नकली नोटों को पकड़ने के लिए कई खूबियाँ जोड़ी जाती हैं, जैसे वॉटरमार्क, सिक्योरिटी थ्रेड, माइक्रो लेटरिंग और रंग बदलने वाली स्याही (कलर-शिफ्टिंग इंक)। इन्हीं सुरक्षा फीचर्स की वजह से नोट को बनाने की कुल लागत बढ़ जाती है।

नए नोटों की छपाई में आया ₹4,900 करोड़ का खर्चा

हर साल RBI के द्वारा लाखों-करोड़ों नए नोट छापे जाते है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में सिर्फ नोटों की छपाई पर ही लगभग ₹4,900 करोड़ का भारी खर्च आया था। हर साल यह खर्च बाजार में नोटों की मांग और पुराने नोटों को वापस लेने की संख्या पर निर्भर करता है। इसके साथ ही सिक्कों को बनाने में और भी खर्च आता है, उदाहरण के लिए, सरकार को ₹1 का सिक्का बनाने में ही लगभग ₹1.60 खर्च करने पड़ते हैं।





Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें