
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 जनवरी 2026 से बैंकिंग नियमों में बड़े बदलाव करने जा रहा है, जिसका सीधा प्रभाव देश के करोड़ों खाताधारकों पर पड़ेगा। इन नए नियमों के कारण कई बैंक खाते फ्रीज या बंद भी किए जा सकते हैं। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि किसी भी वित्तीय नुकसान या खाते से जुड़ी असुविधा से बचने के लिए ग्राहकों को समय रहते अपनी बैंक शाखा से संपर्क कर जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर लेनी चाहिए। यह कदम बैंकिंग प्रणाली को सुरक्षित बनाने और नियमों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।
बैंकिंग धोखाधड़ी रोकने के लिए RBI की बड़ी कार्रवाई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी 2026 से बैंक अकाउंट हैकिंग और अन्य वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से तीन विशेष श्रेणियों के बैंक खातों को बंद किया जा सकता है।
आरबीआई का मानना है कि इस कदम से बैंकिंग सिस्टम की कमियां दूर होंगी और ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। इन नए नियमों के जरिए सेंट्रल बैंक डिजिटल लेन-देन को और अधिक मजबूत बनाना चाहता है ताकि आम लोगों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे और बैंकिंग सेवाएं अधिक कुशल हो सकें।
बंद हो सकते हैं पुराने खाते
बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आरबीआई (RBI) ने अब ‘डॉर्मेंट अकाउंट्स’ यानी लंबे समय से बंद पड़े खातों पर कड़ा रुख अपनाया है। डॉर्मेंट अकाउंट वे होते हैं जिनमें पिछले दो साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ हो। चूंकि इन खातों पर खाताधारकों की सक्रिय नजर नहीं होती, इसलिए ये हैकर्स और साइबर फ्रॉड करने वालों के आसान निशाने पर रहते हैं। ग्राहकों के पैसों को सुरक्षित रखने और धोखाधड़ी की गुंजाइश खत्म करने के लिए आरबीआई ने फैसला किया है कि यदि इन खातों को दोबारा सक्रिय नहीं किया गया, तो इन्हें पूरी तरह बंद किया जा सकता है।
इनएक्टिव बैंक खातों पर नई गाइडलाइंस और बचाव के तरीके
RBI के नए नियमों के अनुसार, जिन बैंक खातों में 12 महीने या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन (ट्रांज़ैक्शन) नहीं हुआ है, उन्हें ‘इनएक्टिव’ की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। ऐसे खातों के गलत इस्तेमाल और सुरक्षा जोखिम को देखते हुए इन्हें बंद करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, अपने खाते को बंद होने से बचाना बहुत आसान है; खाताधारक को बस समय रहते एक छोटा सा ट्रांज़ैक्शन करना होगा। चाहे वह पैसे जमा करना हो या निकालना, एक भी सक्रिय गतिविधि आपके खाते को दोबारा एक्टिव रखने और भविष्य की परेशानियों से बचाने में मदद कर सकती है।
जीरो बैलेंस और इनएक्टिव खातों पर आरबीआई का कड़ा रुख
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब उन बैंक खातों को बंद करने की योजना बना रहा है जिनमें लंबे समय से कोई बैलेंस नहीं है और कोई लेन-देन भी नहीं हो रहा है। ऐसे ‘जीरो बैलेंस’ खातों का इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी और गलत कामों के लिए होने का खतरा बना रहता है। इस कदम के जरिए आरबीआई ग्राहकों को अपने खाते सक्रिय रखने और अपनी KYC जानकारी को समय-समय पर अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इससे न केवल बैंकिंग प्रणाली सुरक्षित होगी, बल्कि बैंकों को भी यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि उनके पास मौजूद सभी ग्राहकों का डेटा सही और पूरी तरह अपडेटेड है।









