
हाल ही में भारत सरकार में प्रॉपर्टी टैक्स में कुछ नए बदलाव किए हैं, जिसके तहत अब कुछ श्रेणी के लोगों को बड़ी राहत दी गई है। बता दें, वह लोग जिनके लिए प्रॉपर्टी टैक्स लंबे समय से एक आर्थिक बोझ बना हुआ है उन्हें अब बड़ी राहत मिलने वाली है। प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगमों या अर्बन लॉक्ल बॉडीज द्वारा लगाया जाता है, जिसके चलते राज्य एवं शहरों के अनुसार छूट के नियम अलग-अलग हो सकते हैं। यह बदलाव आमलोगों की जेब पर असर डालने वाले हैं और इन्हें समझना बेहद ही जरुरी है, जिससे आप अपना लाभ अधिकतम कर सकें।
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दो स्व अर्जित सम्पत्ति पर मिलेगी राहत
बता दें, न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 की सबसे अहम घोषणा में से एक है की स्व अर्जित सम्पत्ति पर कर छूट का प्रावधान। अब यदि किसी व्यक्ति के पास दो मकान है तो वह दोनों ही किराए पर नहीं दिए गए, बल्कि खुद रहने के लिए उपयोग हो रहे हैं तो इन दोनों को नोशनल रेंटल इनकम अब टैक्सेबल नहीं माना जाएगा। पहले यह छूट केवल एक घर तक सीमित थी, हालाँकि नए संसोधन ने सैलरीड क्लास और मिडल क्लास परिवारों को एक बड़ा लाभ दिया है।
वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा लाभ
भारत में वरिष्ठ नागरिक जिनकी आयु 60 वर्ष या इससे अधिक है, वह दिल्ली जैसे क्षेत्रों में संपत्ति पर 30 प्रतिशत तक की छूट का दावा कर सकते हैं। इसमें प्रॉपर्टी टैक्स न्यू रूल 2025 इस छूट को मजबूत करते हैं और यह सुनश्चित करते हैं की वरिष्ठ आयु में लोगों को वित्तीय सुरक्षा और राहत मिल सके। यह छूट उस स्थिति में लागू होती है जब सम्पत्ति का स्वामित्व अकेले या संयुक्त रूप से वरिष्ठ नागरिकों के नाम पर हो।
शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति को राहत
नए नियम में शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति के लिए भी प्रॉपर्टी टैक्स में राहत की व्यवस्था की गई है, राज्यों के अनुसार यह नियम अलग-अलग हो सकते हैं। हालाँकि आमतौर पर नगर निगम ऐसे व्यक्तियों को आंशिक या पूर्ण छूट प्रदान करते हैं।
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भूतपूर्व सैनिक और विधवा को भी लाभ
भूतपूर्व सैनिक और शहीद सैनिकों की विधवाओं को भी कई स्थानों पर उनके रेजीडेंटियल प्रॉपर्टी पर टैक्स छूट दी जाती है। प्रॉपर्टी टैक्स के नए नियम इस वर्ग के लिए राहत को और अधिक प्रभावी बनाता है, जिससे देश की सेवा करने अवले परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
कृषि भूमि पर टैक्स से छूट
कृषि भूमि को लेकर नियम पहले की तरह ही स्पष्ट हैं, की खेती के उद्देश्य से उपयोग होने वाली भूमि पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगता। साथ ही उससे जुडी सहायक भूमि भी इस टैक्स से मुक्त रहती है, राज्यों के अनुसार विवरण थोड़े बदल सकते है, लेकिन व्यापक तौर पर यह छूट किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राहत बनकर सामने आती है।
धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों के लिए भी व्यवस्था
धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों की इमारतें और भूमि पहले की तरह प्रॉपर्टी टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं। यह सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया प्रावधान है, जो जनहित में काम करने वाली संस्थानों के लिए आर्थिक सहूलियत प्रदान करता है।
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