Tags

Property Mutation Rules: प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर करें म्यूटेशन, जानिए क्यों जरूरी है और रजिस्ट्री से कितना अलग है

क्या आपने नई प्रॉपर्टी खरीद ली है? बधाई हो! लेकिन केवल रजिस्ट्री काफी नहीं है। क्या आप जानते हैं कि म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के बिना आपकी कानूनी ओनरशिप अधूरी है? यह क्यों अनिवार्य है और यह रजिस्ट्री से कैसे अलग है, जानने के लिए आगे पढ़ें और अपनी संपत्ति को सुरक्षित करें।

By Pinki Negi

Property Mutation Rules: प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूर करें म्यूटेशन, जानिए क्यों जरूरी है और रजिस्ट्री से कितना अलग है
Property Mutation Rules

अक्सर लोग प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने के बाद समझते हैं कि उनका काम पूरा हो गया, लेकिन यह सिर्फ आधा सच है! रजिस्ट्री से आपको कानूनी दस्तावेज़ मिलते हैं, पर ज़मीन के सरकारी रिकॉर्ड में मालिक का नाम बदलने के लिए प्रॉपर्टी म्यूटेशन (नामांतरण) करवाना ज़रूरी होता है। म्यूटेशन सुनिश्चित करता है कि नगर पालिका या भूमि रिकॉर्ड में आपका नाम नए मालिक के तौर पर आधिकारिक रूप से दर्ज हो जाए, ताकि सरकार की नज़र में संपत्ति का असली मालिक आप ही रहें।

म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) क्या होता है ?

म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) एक ज़रूरी प्रक्रिया है जो सरकारी संपत्ति रिकॉर्ड (जैसे नगर पालिका या राजस्व विभाग) में मालिक का नाम बदलती है। यह दस्तावेज बताता है कि संपत्ति का नया मालिक कौन है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि संपत्ति से जुड़े सभी टैक्स, ज़रूरी नोटिस और बाकी कागज़ात सही व्यक्ति को ही मिलें, जिससे कोई गड़बड़ी न हो। नया नामांतरण (Mutation) होने के बाद, आप अपनी संपत्ति का टैक्स पुराने मालिक के बजाय अपने नाम से भर सकते हैं। यह बहुत ज़रूरी है, क्योंकि टैक्स रसीदें मालिकाना हक़ का एक मज़बूत सबूत होती हैं, जो भविष्य में किसी भी खरीद-बिक्री या ज़मीन संबंधी विवाद में आपके काम आएंगी।

जमीन की रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन कराना जरुरी

जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो रजिस्ट्री से आप उसके कानूनी मालिक बन जाते हैं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती! इसके बाद आपको म्यूटेशन कराना होता है। यह एक तरह से सरकारी रिकॉर्ड में आपकी एंट्री है, जो पक्का करती है कि “हाँ, अब यह संपत्ति आधिकारिक तौर पर आपकी है।” रजिस्ट्री आपको कानूनी हक देती है, जबकि म्यूटेशन उस हक को सरकारी कागजों में दर्ज करके भविष्य में होने वाले किसी भी धोखे या विवाद से बचाता है।

संपत्ति के म्यूटेशन का महत्व

जब भी आप अपनी संपत्ति बेचते या किसी और को ट्रांसफर करते हैं, तो म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करवाना ज़रूरी होता है। यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है; यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी रिकॉर्ड में आप ही संपत्ति के नए मालिक के रूप में दर्ज हों। बैंक से लोन लेने, संपत्ति बेचने या नगर पालिका के काम के लिए इस म्यूटेशन सर्टिफिकेट की अक्सर ज़रूरत पड़ती है, क्योंकि यह आपके कानूनी स्वामित्व का पक्का सबूत होता है।

विरासत में मिली सम्पति का दाखिल-खारिज करवाना जरुरी

जब आपको विरासत में कोई संपत्ति मिलती है, तो उसका म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) करवाना बहुत ज़रूरी है। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि संपत्ति का कानूनी मालिकाना हक़ सही उत्तराधिकारियों के नाम पर साफ़-साफ़ दर्ज हो जाए। इससे भविष्य में संपत्ति से जुड़े कानूनी झंझट (legal complications) और परिवार के भीतर होने वाले विवादों को शुरू होने से पहले ही रोका जा सकता है।

Mutation केवल ज़मीन के कागज़ात बदलने तक ही सीमित नहीं है। यह एक ज़रूरी प्रक्रिया है जिसके बिना आप संपत्ति के नए मालिक के रूप में, बिजली, पानी और गैस कनेक्शन जैसे सभी महत्वपूर्ण यूटिलिटी सेवाओं को अपने नाम पर स्थानांतरित नहीं करा पाएंगे।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें