
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज, जिन्हें आम जनता से लेकर बड़े-बड़े सेलिब्रिटी तक पूजते हैं, उनकी पदयात्रा को लेकर एक बड़ी अपडेट आई है। महाराज जी के दर्शन के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ और भक्तों के लंबे इंतज़ार को देखते हुए अब उनकी रात में होने वाली पदयात्रा के समय में बदलाव किया गया है। इस फैसले से उन हज़ारों श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है जो घंटों उनके दर्शन की आस में खड़े रहते थे। अब भक्त नए निर्धारित समय पर महाराज जी की पदयात्रा के साक्षी बन सकेंगे।
प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में बदलाव, अब शाम को होंगे दर्शन
वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के समय में बड़ा बदलाव किया गया है। अब महाराज जी रात के 2 बजे के बजाय शाम 5 बजे पदयात्रा पर निकलेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को उनके दर्शन करने में काफी आसानी होगी। यह पदयात्रा श्रीकृष्ण शरणम् फ्लैट से शुरू होकर श्री राधा केलिकुंज आश्रम तक लगभग दो किलोमीटर की होती है। इस दौरान भक्त रास्ते में कतारों में खड़े होकर महाराज जी की एक झलक पा सकेंगे।
संत प्रेमानंद महाराज का जीवन परिचय
संत प्रेमानंद महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जहाँ उन्हें बचपन का नाम ‘अनिरुद्ध कुमार पांडे’ मिला। घर के भक्तिमय माहौल ने उनके मन पर गहरा प्रभाव डाला, जिसके कारण उन्होंने कम उम्र में ही घर का त्याग कर दिया। उन्होंने वाराणसी (काशी) की पावन धरती पर संन्यास लिया और वहीं से उनके आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत हुई।
प्रेमानंद महाराज ने पूरे दस साल तक अपने गुरु की सच्ची श्रद्धा से सेवा की। गुरु के आशीर्वाद और वृंदावन की पावन भूमि के प्रभाव से उनका पूरा जीवन भक्ति के रंग में रंग गया। उन्होंने श्री राधा रानी के चरणों में अपना मन लगाया, जिससे उन्हें दिव्य आध्यात्मिक शक्तियों और असीम शांति का अनुभव हुआ।









