
किसी हादसे, उत्पीड़न, आपराधिक वारदात, दस्तावेज गुम होने या लूट-पाट जैसी घटनाओं में सबसे पहले कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत के लिए थाने में FIR दर्ज करवाने आता है। FIR जिस हम फर्स्ट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट कहते हैं यह पुलिस द्वारा तब तैयार किया जाता है जब उन्हें किसी गंभीर अपराध की सूचना मिलती है। किसी भी अपराध का शिकार हुए नागरिक का यह कानूनन अधिकार ही की वह उसकी शिकायत के लिए FIR दर्ज करवा सकता है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है की पुलिस शिकायत लेने से इंकार कर देती है।
ऐसे में क्या आम नागरिक को ऐसा कोई अधिकार मिला हुए हैं जिससे वह FIR दर्ज नहीं होने पर उसकी शिकायत कही दर्ज कर सकता हैं? तो जवाब है हाँ, अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती जिससे उन्हें लगता है की मामला यहीं खत्म हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है यदि आप अपने अधिकार से परिचित हैं तो आपके लिए कार्रवाई और भी आसान हो सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं FIR दर्ज नहीं होने पर इसकी शिकायत से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी।
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कैसे और कहाँ कर सकते हैं शिकायत
यदि किसी थाने में आपकी शिकायत दर्ज नहीं हो रही हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है आप इसकी शिकायत उस थाने के बड़े अफसर एसपी या डीएसपी को लिखित में दे सकते हैं, जिसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ सकेगी। हालाँकि अगर इससे बात नहीं बनती तो आप मजिस्ट्रेट के पास धारा 156 (3) CrPC के तहत अपनी FIR रिक्वेस्ट कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त पुलिस के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर या महिला आयोग या मानवाधिकर आयोग तक पहुँचने जैसे विकल्प का भी सहारा लिया जा सकता हैं।
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क्या पुलिस FIR दर्ज करने से मना कर सकती है
जैसा की हमने बताया की हर नागरिक के पास यह अधिकार है की पुलिस उनकी शिकायत सुनकर FIR दर्ज करें। इसके लिए पुलिस आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकती यदि पुलिस FIR दर्ज करने से मना करती है तो आप बड़े एसपी या डीजीपी से इसकी शिकायत कर सकते हैं। इतना ही नहीं जो पुलिस अफसर आपकी शिकायत दर्ज करने से मना करता है तो आप उसकी शिकायत भी राज्य शिकायत प्राधिकरण, मानवाधिकार आयोग या कोर्ट में कर सकते हैं।
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