पंजाब नेशनल बैंक ने हाल ही में एक बड़े कर्ज धोखाधड़ी का मामला उजागर किया है। यह घटना कोलकाता की एक पुरानी फाइनेंशियल कंपनी ग्रुप से जुड़ी है, जहां लोन के पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ। ग्राहक अक्सर सोचते हैं कि बैंकिंग सिस्टम में उनका जमा पैसा खतरे में है, लेकिन वास्तव में सरकारी सुरक्षा कवच इसे मजबूत बनाता है।

धोखाधड़ी कैसे हुई?
यह मामला दो कंपनियों से संबंधित है, जिन्हें श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कहा जा सकता है। इनमें से एक में करीब 1241 करोड़ और दूसरी में 1193 करोड़ रुपये के लोन पर हेराफेरी के संकेत मिले। कंपनियों ने बैंक से प्रोजेक्ट्स के नाम पर पैसा लिया, लेकिन उसे गलत जगह खर्च कर दिया। ये फर्में पहले ही दिवालिया प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं और एक नेशनल एसेट कंपनी ने इन्हें संभाल लिया है। बैंक ने इसे उधार धोखाधड़ी की श्रेणी में रखा, जो कर्ज के दुरुपयोग को दर्शाता है।
बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत
PNB ने इस पूरे नुकसान के लिए पहले ही पूरा प्रावधान कर लिया है। इसका मतलब है कि बैंक ने अपने मुनाफे से इतनी राशि अलग रख दी है कि बैलेंस शीट पर कोई असर न पड़े। बैंक का प्रावधान कवरेज अनुपात 97 प्रतिशत के करीब है, जो इसकी स्वस्थ स्थिति को दिखाता है। मार्केट में शेयरों पर मामूली उतार-चढ़ाव आया, लेकिन लंबे समय में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है। यह घटना तिमाही नतीजों को प्रभावित नहीं करेगी।
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ग्राहकों के लिए कोई चिंता नहीं
आम खाताधारकों के डिपॉजिट इस तरह के कॉरपोरेट लोन फ्रॉड से अछूते रहते हैं। भारत में डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम हर खाते को 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा देती है। PNB जैसे पब्लिक बैंक सरकारी समर्थन से चलते हैं, इसलिए छोटे-मध्यम जमा सुरक्षित हैं। यह फ्रॉड बड़े उद्योगपतियों के लोन से जुड़ा है, न कि व्यक्तिगत बचत से। लाखों ग्राहक बिना किसी झिझक के अपनी कमाई बैंक में रख सकते हैं।
भविष्य में सबक और सावधानियां
बैंकिंग क्षेत्र में ऐसी घटनाएं सिस्टम को मजबूत बनाने का मौका देती हैं। नियामक संस्था को सूचना दे दी गई है और जांच चल रही है। ग्राहकों को सलाह है कि वे लोन लेते समय दस्तावेज सत्यापित करें और बैंकिंग ऐप्स पर नजर रखें। PNB ने पहले भी बड़े घोटालों से उबरकर मजबूती दिखाई है। कुल मिलाकर, बैंकिंग सिस्टम पारदर्शी और सुरक्षित बने रहने के लिए लगातार सुधार हो रहे हैं। यह घटना सतर्कता की याद दिलाती है, लेकिन घबराहट का कारण नहीं।









