
बढ़ते बिजली बिलों से परेशान लोग अब इसे घटाने के लिए अपने घरों में सोलर पैनल लगवाने का तरीका अपना रहे हैं। यह एक बहुत ही कारगर तरीका है। PM सूर्य घर योजना के तहत, फ्लैट में रहने वाले लोग भी अपनी छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली पैदा कर सकते हैं। यह जानने के लिए कि आपके फ्लैट के लिए कितनी क्षमता का पैनल ज़रूरी है और इस योजना के नियम क्या हैं, आपको पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
पीएम सूर्य घर योजना के तहत मिलेगी सब्सिड़ी
भारत सरकार पीएम सूर्य घर योजना के तहत घर पर सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी देती है, जिससे आपका खर्च काफी कम हो जाता है। यदि आप हर महीने 300 यूनिट बिजली बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए 3 किलोवाट (kW) का ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम पर्याप्त माना जाता है (जो 0.003 मेगावाट के बराबर है)। इस सिस्टम से आप ज़रूरत से ज़्यादा बिजली बनाकर उसे बेच भी सकते हैं, जिससे आपको फायदा होगा।
हर दिन होगी 3 से 4 किलोवाट घंटा (kWh) बिजली पैदा
भारत में एक 1 किलोवाट (kW) का सोलर सिस्टम औसतन प्रतिदिन 3 से 4 किलोवाट घंटा (kWh) बिजली पैदा करता है। इस हिसाब से, 2.5 से 3 kW रेटिंग वाला सोलर सिस्टम हर महीने लगभग 300 kWh बिजली देने की क्षमता रखता है। हालांकि, यह उत्पादन आपके स्थान (लोकेशन) और मौसम पर निर्भर करता है, इसलिए इसमें थोड़ी कमी या बढ़ोतरी हो सकती है।
फ्लैट पर सोलर पैनल लगाने के लिए ज़रूरी जगह
अगर आप फ्लैट पर सोलर पैनल लगवाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको छत पर जगह (रूफ स्पेस) देखनी होगी। आमतौर पर, 3 किलोवाट (kW) क्षमता के सोलर सिस्टम के लिए आपको 8 से 10 पैनलों की ज़रूरत होगी (जो 330–400 वॉट के हो सकते हैं)। इन पैनलों को लगाने के लिए छत पर लगभग 200 से 350 वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होती है।
सोलर स्कीम के लिए स्थानीय नियम जानना ज़रूरी
सोलर स्कीम का लाभ लेने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि अलग-अलग राज्यों में इस योजना की शर्तें अलग हो सकती हैं। साथ ही, ग्रुप हाउसिंग या अपार्टमेंट्स के लिए भी नियम अलग हो सकते हैं। इसलिए, ऑनलाइन आवेदन करने से पहले आपको अपने लोकल बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) की पॉलिसी की जाँच करनी चाहिए, क्योंकि कुछ DISCOMs नेट-मीटरिंग नियम और मिनिमम चार्ज भी वसूलते हैं।









