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Petrol Scam: बड़ा खुलासा! पेट्रोल में मिलावट का सबसे बड़ा रैकेट पकड़ा गया, 5 साल से UP से कई राज्यों में होती थी सप्लाई

उत्तर प्रदेश (UP) से संचालित हो रहे मिलावटी पेट्रोल के सबसे बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। यह फैक्ट्री पिछले 5 सालों से कई राज्यों में अवैध सप्लाई कर रही थी, जिससे करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही थी। जानें इस स्कैम का पूरा खुलासा, मास्टरमाइंड कौन हैं, और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है।

By Pinki Negi

Petrol Scam: बड़ा खुलासा! पेट्रोल में मिलावट का सबसे बड़ा रैकेट पकड़ा गया, 5 साल से UP से कई राज्यों में होती थी सप्लाई
Petrol Scam

मिलावटी खाद्य सामग्री (जैसे शराब, पनीर, दूध) के बाद अब उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में मिलावटी पेट्रोल और डीजल बनाने वाली एक बड़ी अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा पकड़ी गई यह फैक्ट्री पिछले पाँच सालों से शहर की सीमा में संचालित हो रही थी और यहाँ से तैयार मिलावटी ईंधन की सप्लाई केवल यूपी के ज़िलों में ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी की जाती थी। हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस अवैध कारोबार की खबर पुलिस और प्रशासन को नहीं लगी।

यूपी में मिलावटी पेट्रोल-डीजल रैकेट का भंडाफोड़

उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, यूपी एसटीएफ ने प्रदेश में मिलावटी पेट्रोल और डीजल बेचने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। 14 नवंबर को एसटीएफ गौतमबुद्धनगर की टीम ने फिरोजाबाद के चंद्रा फिलिंग स्टेशन पर छापा मारकर सद्दाम और चंद्र विजय को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि मिलावटी पेट्रोलियम पदार्थ अलीगढ़ की पराग पेंट्स एंड केमिकल फैक्ट्री से सप्लाई किया जा रहा था।

STF की टीम ने फैक्ट्री पर छापा मारा

एसटीएफ (STF) की टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर फैक्ट्री पर छापा मारकर संचालक कन्हैया लाल वार्ष्णेय और सर्वेश कुमार को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ के दौरान, कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए एसटीएफ ने मिलावटी पेट्रोल और डीज़ल की सप्लाई करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह (कई राज्यों में फैले हुए समूह) का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया।

गुप्त फैक्ट्री में बन रहा था मिलावटी पेट्रोल

सूत्रों के अनुसार, पराग नाम की यह फैक्ट्री इतने गुप्त तरीके से चलाई जा रही थी कि आस-पड़ोस के लोगों को भी मिलावटी पेट्रोल के इतने बड़े पैमाने पर तैयार होने की भनक नहीं लगी। फैक्ट्री पर न कोई बोर्ड लगा था और न ही अंदर किसी को जाने की इजाजत थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि दिनभर सिर्फ टैंकरों की आवाजाही होती थी—वे आते-जाते समय गेट खोलते और तुरंत बंद कर लेते थे। हैरानी की बात यह है कि एसटीएफ (STF) के खुलासे से पहले किसी को भी इस अवैध गतिविधि की जानकारी नहीं हो पाई थी।

आपूर्ति विभाग पर संदेह

मिलावटी पेट्रोल बनाने वाली फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद, जिला आपूर्ति विभाग की भूमिका अब संदेह के घेरे में आ गई है। सूत्रों के अनुसार, फैक्ट्री चलाने वाले को विभाग के अधिकारियों का पूरा संरक्षण मिला हुआ था। एसटीएफ (STF) को ऐसे प्रमाण मिले हैं जिनसे पता चलता है कि विभाग के दो कर्मचारी फैक्ट्री संचालक के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे, जो इस अवैध कारोबार में उनकी मिलीभगत की ओर इशारा करता है।

कन्हैया की पत्नी चित्रा और बेटे गौरव के नाम पर रजिस्टर्ड फैक्ट्री

एसटीएफ की जाँच में यह सामने आया है कि कन्हैया लाल वार्ष्णेय और प्रबंधक सर्वेश द्वारा चलाई जा रही एक फैक्ट्री में मिलावटी पेट्रोल तैयार किया जा रहा था। यह फैक्ट्री कन्हैया की पत्नी चित्रा और बेटे गौरव के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसके पास पेट्रो केमिकल-एक्सप्लोसिव बिक्री और रिफाइनरी का लाइसेंस था। फैक्ट्री गुजरात से क्रूड ऑयल मंगाकर उसमें मिलावट करती थी। इस अवैध काम के खुलासे के बाद, अब इस फैक्ट्री के सभी लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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