
जल्द ही उत्तराखंड में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर बड़ी रोक लग सकती है। इस संबंध में, खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने केंद्र सरकार को सख्त कानूनी बदलाव करने की सिफारिश भेजी है। देश के कई हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद, केंद्र सरकार ने दवा बनाने और बेचने के नियमों को कड़ा करने का फैसला किया है, जिसमें ऑनलाइन और होम डिलीवरी के जरिए दवाओं की बिक्री को नियंत्रित करना भी शामिल है।
उत्तराखंड में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर बैन
उत्तराखंड में 20,000 से ज़्यादा मेडिकल स्टोर हैं, जिनमें से कई अब ऑनलाइन दवाएँ बेच रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बाद इस ऑनलाइन दवा कारोबार में बहुत तेज़ी आई है और यह करोड़ों रुपये का व्यापार बन चुका है। हालाँकि, यह कारोबार अब अनियंत्रित हो गया है, जिससे इसका हिसाब-किताब रखना मुश्किल हो गया है।
स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर ऑनलाइन दवाओं पर लगा बैन
ऑनलाइन दवाएँ बेचने वाली कंपनियों द्वारा रिकॉर्ड छिपाने और उसमें हेरफेर करने की संभावना बहुत ज़्यादा रहती है। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार, यह पता लगाना मुश्किल होता है कि कौन-सी दवा कब और कहाँ से मंगाई गई, जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसी समस्या के चलते कई राज्य सरकारों ने भी ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने की माँग की है।
सरकार जल्द जारी करेगी आधिकारिक घोषणा
इस बदलाव को लागू करने के लिए ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में सुधार किया जाएगा, जिसके तहत ऑनलाइन दवाओं की बिक्री और डिलीवरी पर सख्त नियम लागू किए जाएँगे। सरकार का यह कदम मरीजों की सुरक्षा और दवाओं के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इस संबंध में जल्द ही कोई आधिकारिक घोषणा की जाएगी।