
भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) हमेशा से एक बड़ा और भावनात्मक मुद्दा रही है। अब इस विषय पर एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जिसने लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।
OPS और NPS में क्या अंतर है?
साल 2004 से पहले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) का लाभ मिलता था। OPS के तहत, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन का लगभग 50% हर महीने पेंशन के रूप में मिलता था। यह एक निश्चित और गारंटीड आय होती थी, जो महंगाई भत्ते (DA) के साथ बढ़ती रहती थी।
इसके बाद, 1 अप्रैल 2004 से नई पेंशन योजना (NPS) लागू की गई। NPS में, कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा पेंशन फंड में निवेश करते हैं। यह फंड बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, इसलिए रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि निश्चित नहीं होती है।
किन कर्मचारियों को मिल रहा है OPS का लाभ?
यह बड़ा फैसला उन सरकारी कर्मचारियों के लिए है जिनकी नियुक्ति 22 दिसंबर 2003 से पहले हुई थी, लेकिन जिन्हें बाद में किसी कारण से नई पेंशन योजना (NPS) में शामिल कर लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न राज्य सरकारों के हालिया निर्णयों ने यह स्पष्ट किया है कि 22 दिसंबर 2003 से पहले नियुक्त हुए इन कर्मचारियों को OPS का कानूनी हक है। इसका मतलब है कि अब ये कर्मचारी NPS के स्थान पर OPS का विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के कई प्रवक्ताओं और प्रोफेसरों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की स्वीकृति दी है, जिनकी नियुक्ति 2003 से पहले हुई थी।
OPS क्यों है इतना खास?
पुरानी पेंशन योजना की वापसी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी जीत है क्योंकि यह:
- निश्चित आय की गारंटी: रिटायरमेंट के बाद अंतिम वेतन के आधार पर एक निश्चित मासिक आय सुनिश्चित होती है।
- बाजार जोखिम नहीं: यह शेयर बाजार के जोखिमों से पूरी तरह मुक्त है।
- DA के साथ बढ़ोतरी: पेंशन राशि महंगाई भत्ते के साथ बढ़ती रहती है।
- पारिवारिक सुरक्षा: कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को फैमिली पेंशन की सुविधा मिलती है।
आवेदन कैसे करें?
पात्र कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए अपने विभाग या पेंशन कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। उन्हें अपनी नियुक्ति तिथि से जुड़े प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे। विभाग दस्तावेज़ों की जांच करेगा और पात्रता सुनिश्चित होने पर OPS के तहत पेंशन शुरू की जाएगी।
यह फैसला उन लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत और आर्थिक सुरक्षा लेकर आया है, जो लंबे समय से OPS की बहाली की मांग कर रहे थे।









