
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी वह सुविधा है जिसके तहत ग्राहक बिना अपना मोबाइल नंबर बदले, एक टेलीकॉम ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच कर सकते हैं। ग्राहकों को बेहतर सेवा और सुविधा देने के उद्देश्य से, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने MNP नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे पोर्टिंग प्रक्रिया अब तेज और पारदर्शी हो गई है।
पोर्टेबिलिटी में लगने वाला समय
TRAI ने MNP की समय-सीमा को काफी कम कर दिया है, जिससे ग्राहकों को लम्बा इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
| पोर्टिंग का प्रकार | TRAI द्वारा निर्धारित समय-सीमा |
| एक ही सर्किल के अंदर पोर्टिंग | 3 कार्य दिवस (Working Days) |
| अलग-अलग सर्किल में पोर्टिंग | 5 कार्य दिवस (Working Days) |
| कॉर्पोरेट/बिजनेस कनेक्शन | 5 कार्य दिवस (Working Days) |
24 घंटे में पोर्टिंग की सुविधा ‘विथड्रॉल विंडो’ से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि ग्राहक पोर्टिंग अनुरोध जमा करने के बाद 24 घंटे के भीतर उसे वापस ले सकते हैं। पोर्टिंग की पूरी प्रक्रिया अभी भी 3 से 5 दिनों की है।
MNP के लिए TRAI के प्रमुख नए नियम
TRAI ने धोखाधड़ी रोकने और प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए MNP नियमों में ये मुख्य बदलाव किए हैं:
1. यूनीक पोर्टिंग कोड (UPC) से जुड़ी नई शर्ते
- सिम स्वैप पर 7 दिन का इंतज़ार: यदि किसी ग्राहक ने हाल ही में सिम स्वैप (Sim Swap) या रिप्लेसमेंट (Replacement) करवाया है, तो वह सिम बदलने की तारीख से 7 दिनों तक UPC जनरेट करने का अनुरोध नहीं कर पाएगा।
- इस 7 दिन के इंतज़ार का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी वाले सिम स्वैप के ज़रिए नंबर पोर्ट करने की घटनाओं पर रोक लगाना है।
2. अनुरोध वापस लेने की अवधि
- 24 घंटे की विंडो: ग्राहक MNP अनुरोध जमा करने के बाद 24 घंटे के भीतर अपना पोर्टिंग अनुरोध वापस ले सकता है।
3. UPC की वैधता
- UPC (Unique Porting Code) अब जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, सभी लाइसेंस्ड सर्विस एरिया (LSA) में जारी होने की तारीख से 4 दिन के लिए वैध होता है।








