
आज के समय में हर किसी का बैंक अकाउंट है. बैंक न केवल हमारे पैसों की सुरक्षा करता है, बल्कि हमें कई सुविधाएं भी देता है. लेकिन क्या आप जानते है कि बैंक में मिनिमम बैलेंस रखना क्यों जरूरी है और अगर मिनिमम बैलेंस नहीं रखा, तो बैंक आप पर जुर्माना क्यों लगता है. आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बैंक बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर जुर्माना क्यों लगता है.
बैंक द्वारा जुर्माना लगाने के कारण
जैसा की हम जानते है कि पैसों की सुरक्षा के लिए बैंक सबसे महत्वपूर्ण है. बैंक हमारे पैसों की सुरक्षा के अलावा अपने ग्राहकों को कई सुविधाएं भी देता है, जैसे – एटीएम, चेकबुक, ऑनलाइन बैंकिंग, ब्रांच में कर्मचारी. इन सभी सेवाओं को चलाने में बैंक का बहुत खर्चा आता है. बैंक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्राहकों से जुर्माना वसूलते है.
बैंक आपके जमा राशि पर ब्याज देता है
सभी बैंक हमारी जमा राशि पर ब्याज देता है. मिनिमम बैलेंस रखने से बैंक को अपने खर्चे पूरा करने और आपके पैसे पर ब्याज देने में मदद मिलती है. इसके अलावा बैंक हमारे जमा पैसों को किसी और लोन देकर या फिर उन्हे निवेश करके प्रॉफिट कमाते है. मिनिमम बैलेंस से बैंक यह तय करते हैं कि आपके पास कुछ राशि रहे, जिससे वह वित्तीय गतिविधियों को जारी रख सकें.
बैंकों का नियम
अगर आप बैंक में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो बैंक आपके अकाउंट से एक तय राशि जुर्माने के रूप में काट लेती है. यह जुर्माना हर बैंक और हर तरह के खाते के लिए अलग-अलग होता है. कई बैंकों में यह राशि 100 रुपए तो कहीं 500रुपए या फिर उससे ज्यादा है.