
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने के लिए लोगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य के हर ग्राम सचिवालय में अब एक ‘आधार सेवा केंद्र’ खोला जाएगा। इन केंद्रों पर लोग आसानी से नया आधार कार्ड बनवा सकेंगे, पुराने कार्ड में सुधार कर सकेंगे और अपने बायोमेट्रिक विवरण को भी अपडेट करवा पाएंगे।
अब गांव में ही होंगे आधार अपडेट
अब तक गाँव के लोगों को आधार कार्ड से संबंधी कोई भी करने के लिए शहर या फिर सही दूर जाना पड़ता था, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि अब गाँव के लोग अपने ही पंचायत भवन में आधार कार्ड बनवाने, नाम-पते में सुधार, फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन अपडेट और बच्चों के बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाएँ प्राप्त कर सकेंगे। इस पहल से न केवल ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि पंचायतों को भी आय का एक नया स्रोत मिलेगा।
काम में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल
लखनऊ में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि अब पंचायतें पुराने तरीकों से काम नहीं करेंगी, क्योंकि वे सिर्फ प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास की नींव हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायतों के काम-काज में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक (Technology) का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि जब तक गाँव-गाँव तक तकनीक नहीं पहुँचेगी, तब तक सही मायने में विकास संभव नहीं है।
भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन
पंचायतों की आर्थिक शक्ति बढ़ाने के लिए अब स्थानीय कर (Local Taxes) और उपभोक्ता शुल्क (User Charges) का भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इस डिजिटल व्यवस्था से एक ओर भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, वहीं दूसरी ओर आम जनता को भी आसानी से ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि वे अपना राजस्व बढ़ाने के लिए नई योजनाएँ बनाएँ और नए विचारों (Innovation) पर काम करें।
आम नागरिकों को मिलेगी राहत
ग्राम प्रधान रीता सिंह के अनुसार, अब लोगों को आधार कार्ड बनवाने के लिए कही जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी ,, क्योंकि यह काम पंचायत भवन में ही हो जाएगा, जिससे खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और विद्यार्थियों को बहुत राहत मिलेगी। वहीं, पंचायत सचिव संजय यादव का मानना है कि यह सुविधा सिर्फ लोगों की आसानी के लिए नहीं है, बल्कि पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि जो पंचायतें खुद कमाएंगी, वे अपने गाँव के विकास में उतना ही ज़्यादा निवेश कर पाएंगी।