
यद् आप LPG स्प्लायर से परेशान है तो अब आप अपने LPG डिस्ट्रीब्यूटर के साथ-साथ तेल कंपनी को भी बदल सकते है। ऐसा करने से आपको कैलंडर लेने के लिए ज्यादा ऑप्शन मिल जायेगे और बेहतर सेवा भी मिलेगी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने इस ‘LPG इंटरऑपरेबिलिटी फ्रेमवर्क’ के लिए लोगों से मध्य अक्टूबर तक राय माँगी है। PNGRB का कहना है कि जब स्थानीय डीलर को समस्या आती है, तो ग्राहकों के पास विकल्प कम होते हैं, इसलिए उन्हें अपनी पसंदीदा कंपनी और डीलर चुनने की आज़ादी मिलनी चाहिए।
गैस कनेक्शन लेने के लिए पुराने नियम
जब अक्टूबर 2013 में जब एलपीजी पोर्टेबिलिटी शुरू हुई, तब ग्राहक केवल अपना गैस डीलर ही बदल सकते थे, कंपनी नहीं। जैसे अगर आप इंडियन ऑयल के ग्राहक है और आप अपने डीलर से खुश नहीं है, तो तब भी आपको Indane Gas के ही किसी दूसरे डीलर को चुनना पड़ता था। आप अपनी मर्जी से भारत गैस या एचपी गैस दूसरी कंपनी में नहीं बदल सकते थे।
ग्राहक को गैस कंपनी बदलने की आजादी मिले
गैस नियामक बोर्ड का कहना है कि ग्राहकों को अपनी तेल कंपनी बदलने का मौका देना चाहिए, जैसे वह डीलर बदलते है। तेल कंपनियों के वजह से हर साल 17 लाख से ज़्यादा उपभोक्ताओं की शिकायतें आती हैं। तेल कंपनियाँ कोशिश तो करती हैं, लेकिन ग्राहकों के पास किसी दूसरी कंपनी या डीलर के पास जाने का विकल्प नहीं होता। इसके कारण सिलेंडर की सप्लाई में रुकावट और रिफिल डिलीवरी में काफी देरी हो जाती है। इसलिए ग्राहकों को कंपनी चुनने की पूरी आज़ादी मिलना बहुत ज़रूरी है।
अब LPG डीलर के साथ कंपनी भी बदलें
यूपीए सरकार के समय एक योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत तेल कंपनियों ने 480 से ज्यादा जिलों में 1,400 से अधिक क्लस्टर बनाए थे। इन क्लस्टरों में ग्राहकों को औसतन चार डीलरों में से किसी एक को चुनने की आज़ादी थी, जिसे LPG कनेक्शन पोर्टेबिलिटी योजना कहा जाता था। अब जो नई योजना आ रही है, अगर वह लागू होती है, तो ग्राहकों को डीलर चुनने की सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही वे अपनी पसंदीदा तेल कंपनी (जैसे HP, Indane, Bharat Gas) भी बदल सकेंगे।