इन देशों के पास नहीं है आर्मी! वजह जानकर चौंक जाएंगे, देखें पूरी लिस्ट

क्या आपको पता है दुनिया के कई देशों में सेना के अतिरिक्त पुलिस और तटरक्षक बलों द्वारा सुरक्षा की जाती है। ऐसे कई देश हैं जिन्होंने अन्य देशों के साथ समझौता किया है और वे सुरक्षा के लिए उन पर निर्भर रहते हैं।

By Pinki Negi

इन देशों के पास नहीं है आर्मी! वजह जानकर चौंक जाएंगे, देखें पूरी लिस्ट

अगर आपको कोई कहे कि दुनिया में कोई देश ऐसा है जिसके पास सुरक्षा के लिए सेना ही नहीं है तो आप इस बात पर विश्वास ही नहीं करेंगे और इसे मजाक समझेंगे क्योंकि किसी भी देश को सुरक्षित रखने की सबसे बड़ा योगदान सेना का होता है। लेकिन आपको बता दें यह बात सच है कि दुनिया में कई देश के पास अपनी कोई सेना नहीं है लेकिन वहां पुलिस, अर्धसैनिक बल हैं और ये अधिकतर शक्तिशाली देशों के साथ किए गए समझौतों से निश्चित रहते हैं। ये सभी देश चाहते हैं कि जितना खर्चा वे सेना पर लगाएंगे उससे शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक विकास किया जाएगा। आइए इन देशों के बारे में जानते हैं।

यह भी देखें- खीरे को काटकर रगड़ना क्यों है जरूरी? जानिए इसके 5 बड़े फायदे

इन देशों के पास नहीं है सेना

हम इन देशों की सूची नीचे टेबल में बताने जा रहें हैं, 2025 की वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू रिपोर्ट के तहत इन देशों में सुरक्षा के अन्य तरीके अपनाएं गए हैं।

  • अंडोरा- इस देश में पुलिस बल, स्पेन और फ़्रांस के साथ संधियां की गई है।
  • अरूबा- नीदरलैंड की सशस्त्र सेना देश को सुरक्षित रखती हैं।
  • कोस्टा रिका- यह देश पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर ही निर्भर है।
  • डोमिनिका- यह एक रीजनल सिक्योरिटी का अहम हिस्सा है और यहाँ पर रक्षा पुलिस और तटरक्षक बल द्वारा होती है।
  • ग्रेनाडा- यह भी रीजनल सिक्योरिटी का अहम हिस्सा है और यहाँ पर रक्षा पुलिस और तटरक्षक बल द्वारा होती है।
  • आइसलैंड- इसका रक्षा सहयोगी NATO है और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और तटरक्षक बल हैं।
  • किरिबाती- यह देश पुलिस और छोटी समुद्री गश्ती टीम, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर निर्भर है।
  • लिकटेंस्टीन- यह देश पुलिस, अर्धसैनिक बल, स्विट्जरलैंड पर ही निर्भर है।
  • मार्शल आइसलैंड- इसका रक्षा सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका है और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस और रक्षा इकाइयां हैं।
  • मॉरीशस- अर्धसैनिक बल और पुलिस पर निर्भर है।
  • माइक्रोनेशिया- रक्षा के लिए पुलिस और छोटी समुद्री गश्ती टीम पर निर्भर हैं यहाँ पर USA से सुरक्षा मिलती है।
  • मोनाको- अर्धसैनिक बल, काराबिनेरी और पुलिस पर निर्भर है।
  • नाउरू- रक्षा के लिए पुलिस और छोटा रक्षा बल है यहाँ पर USA से सुरक्षा मिलती है।
  • नीयू- पुलिस और न्यूजीलैंड सुरक्षा पर निर्भर है।
  • पलाऊ- रक्षा के लिए पुलिस और छोटा रक्षा बल पर निर्भर हैं यहाँ पर USA से सुरक्षा मिलती है।
  • पनामा-पुलिस और सीमा बल पर निर्भर है।
  • समोआ- पुलिस और न्यूजीलैंड सुरक्षा पर निर्भर है।
  • सैन मैरिनो- यहाँ पर सुरक्षा के लिए पुलिस और छोटी अर्धसैनिक इकाइयां हैं। यह अनौपचारिक रूप से इटली देश पर निर्भर है।
  • सोलोमन आइलैंड्स- यहाँ पर पुलिस और समुद्री निगरानी है और जरूरत पड़ने पर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोगी है।
  • सेंट किट्स एंड नेविस- यह देश रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम का हिस्सा है और यहाँ रक्षा के लिए पुलिस है।
  • सेंट लूसिया- रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम का हिस्सा है और यहाँ रक्षा के लिए पुलिस और तटरक्षक है।
  • सेंट विसेंट एंड ग्रेनेडाइंस- पुलिस और तटरक्षक रक्षा के लिए तैनात है और ये रीजनल सिक्योरिटी सिस्टम का हिस्सा है।
  • तुवालु- यह न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया देश पर निरहार है और रक्षा के लिए यहाँ पुलिस और तटरक्षक है।
  • वानुअतु- ये देश पुलिस और छोटे अर्धसैनिक बल पर निर्भर है।
  • वेटिकन सिटी- ये स्विस गार्ड पर निर्भर है।

देशों के पास सेना न होने का कारण!

बता दें इन दशकों के पास सेना इसलिए नहीं है क्यों किसके पीछे कई अलग अलग वजहें छुपी हुई हैं।

  • कोस्टा रिका और पनामा जैसे प्रमुख देश ने गृह युद्ध के बाद अपनी सेना भंग कर दी। वे अब चाहते हैं कि देश में शांति रहे और इसका विकास अच्छे से हो सके इसलिए यह फैसला लिया गया है।
  • कई छोटे देश हैं जो बड़े और मजबूत देशों के साथ दोस्ती करते हैं और समझदारी से फैसला लेते हैं। उनका मानना है कि वह बड़ी सेना रखने में समर्थ नहीं है।
  • कई देशों ने निर्णय लिया है कि वह सैन्य ताकत पर अधिक करने के बजाय देश के विकास और नागरिकों के उत्थान की ओर अधिक ध्यान दे सकते हैं।
  • कई देशों ने कूटनीतिक समझौते किए हुए हैं। वे अंतराष्ट्रीय संधियों और समझोतो पर विश्वास करते हैं कि वे सुरक्षित हैं।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें