
हमारे देश में 15 अगस्त और 26 जनवरी के खास अवसर पर घर, ऑफिस और गाड़ियों में तिरंगा लगाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते है कि तिरंगा फहराने और लगाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है. यदि आप अपनी गाड़ी में तिरंगा लगाते है तो भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत सख्त नियम बनाए गए है. इन नियमों को तोड़ने पर सजा भी हो सकती है.
तिरंगा लगाने के नियम
सबसे पहले यह नियम है कि आप अपनी निजी गाड़ी पर तिरंगा नहीं लगा सके है, ऐसा करना गैरकानूनी माना जाता है. भारतीय ध्वज संहिता 2002 के तहत, सिर्फ कुछ खास पदों जैसे – राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय और राज्य मंत्री, लोकसभा स्पीकर, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज और विदेशों में भारतीय दूतावासों की गाड़ियों को तिरंगा लगाया जा सकता है. इसके अलावा यदि कोई अपनी गाड़ी पर तिरंगा लगाता है, तो वह नियम के खिलाफ है.
गाड़ी पर तिरंगा कैसे लगाएं?
जिन्हे गाड़ी पर तिरंगा लगाने की अनुमति है उनके लिए जरूरी नियम-
- तिरंगे को गाड़ी के बोनट के ठीक बीच में दाई ओर एक डंडे पर लगाना चाहिए.
- तिरंगे में तीन रंग होते है, उसमे से केसरिया रंग हमेशा ऊपर की तरफ होना चाहिए.
- तिरंगा कटा-फटा, गंदा या फीका नहीं होना चाहिए.
- तिरंगा ज़मीन को नहीं छूना चाहिए.
- तिरंगे का इस्तेमाल वर्दी, पर्दों या किसी सजावट के लिए नहीं किया जा सकता.
नियम तोड़ने पर हो सकती है जेल
अगर आप नियमों को तोड़ते है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर 3 साल की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकती है.