3D Jobs: विदेश में तगड़ी कमाई, लेकिन जानिए क्यों लोग करते हैं कतराकर

क्या आप भी विदेश जाकर कम पढ़ाई में बड़ी कमाई करना चाहते हैं? जानिए कैसे Dirty, Dangerous और Difficult Jobs—यानि 3D Jobs—बना रहीं युवाओं को करोड़पति! पूरी डिटेल्स इसी आर्टिकल में पढ़ें

By GyanOK

3D Jobs: विदेश में तगड़ी कमाई, लेकिन जानिए क्यों लोग करते हैं कतराकर

3D Jobs यानी Dirty, Dangerous और Difficult नौकरियाँ, जिनमें शारीरिक परिश्रम, जोखिम और सामाजिक रूप से कम प्रतिष्ठित माने जाने वाले कार्य शामिल होते हैं। विदेशों में ये नौकरियाँ प्रवासी श्रमिकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं क्योंकि इनमें बिना डिग्री या उच्च शिक्षा के भी अच्छी कमाई संभव होती है। भारत, नेपाल, बांग्लादेश जैसे देशों से हर साल हजारों युवा इन नौकरियों के लिए विदेशों का रुख करते हैं, खासकर मलेशिया, जापान, कतर, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों में।

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3D Jobs की परिभाषा और इतिहास

3D Jobs शब्द का जन्म जापान से हुआ, जहाँ इसे “3K” यानी Kitanai (गंदा), Kiken (खतरनाक), Kitsui (कठिन) कहा जाता था। समय के साथ ये टर्म ग्लोबल बन गया और पश्चिमी देशों ने इसे Dirty, Dangerous, Difficult कहकर संबोधित करना शुरू किया। इन नौकरियों में सफाईकर्मी, निर्माण मजदूर, खदान कर्मी, फैक्ट्री ऑपरेटर और खेती से जुड़े श्रमिक शामिल होते हैं।

विदेशों में क्यों बढ़ी 3D Jobs की मांग

विकसित देशों में ऐसे काम करने वाले लोगों की संख्या कम होती जा रही है। लोकल पॉपुलेशन ऐसी नौकरियों को कम पसंद करती है क्योंकि ये काम शारीरिक रूप से कठिन होते हैं और सामाजिक तौर पर कम आकर्षक माने जाते हैं। ऐसे में विदेशी श्रमिकों की माँग तेज़ी से बढ़ रही है।

जापान में तेजी से बुजुर्ग हो रही जनसंख्या के कारण 3D Jobs के लिए विदेशों से श्रमिक बुलाए जा रहे हैं। वहीं खाड़ी देशों में निर्माण और बुनियादी ढांचे की योजनाओं के लिए बड़ी संख्या में लेबर फोर्स की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि इन क्षेत्रों में काम करने वालों को वीज़ा, ट्रेनिंग और नौकरी के लिए प्राथमिकता दी जाती है।

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कम पढ़ाई, लेकिन लाखों की कमाई

3D Jobs की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनकी योग्यता अपेक्षाकृत कम होती है। किसी विशेष डिग्री की ज़रूरत नहीं होती, सिर्फ मेहनत करने का जज़्बा, शारीरिक ताकत और थोड़ा अनुभव काफी होता है। बहुत-से मामलों में उम्मीदवारों को ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाती है।

जहाँ भारत में साधारण मजदूरी करने वाले श्रमिक ₹10,000 से ₹15,000 प्रति माह कमाते हैं, वहीं यही काम यदि जापान या मलेशिया जैसे देश में किया जाए तो ₹70,000 से ₹1,50,000 प्रति माह तक की कमाई संभव है। ओवरटाइम और बोनस मिलने पर यह आंकड़ा और भी ऊपर जा सकता है।

कठिनाई और जोखिम की भी है कीमत

हालांकि कमाई अधिक है, लेकिन इसके पीछे चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। 3D Jobs में काम करने वाले कर्मचारियों को लंबा समय खड़े होकर बिताना पड़ता है, मशीनों से जुड़ा जोखिम होता है और मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है। बहुत-से देशों में सुरक्षा मानकों का पालन ढीला होता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है।

साथ ही, सामाजिक रूप से ये नौकरियाँ सम्मानजनक नहीं मानी जातीं। परंतु जिनके पास सीमित विकल्प होते हैं, उनके लिए यह आर्थिक उन्नति का एक मजबूत रास्ता बनता है। सही जानकारी, भरोसेमंद एजेंट और सरकारी मंजूरी के साथ यदि विदेश में 3D Job मिल जाए, तो ज़िंदगी की दिशा बदल सकती है।

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