
भारत की अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है. कई लोग सोचते है कि वह खेती में कम खर्च करके ज्यादा मुनाफा कमाएं. कई किसान हल्दी, मिर्च, फूलगोभी, शिमला मिर्च, मशरूम और दवाई वाले पौधों की खेती करते हैं, क्योंकि इन फ़सलों से अच्छा मुनाफ़ा मिलता है. लेकिन कुछ ऐसी भी फ़सलें हैं, जिनकी सही तरीक़े से देखभाल की जाए, तो वह आपके और भी ज्यादा फायदा देगी.
चंदन का पेड़
चंदन का पेड़ बहुत कीमती होता है, क्योंकि इसकी लड़की और तेल बाजार में बहुत महंगे बिकते है. चंदन की खेती करके किसान हर महीने लाखों रुपए कमा सकते हैं. लेकिन इसकी खेती करने के लिए वन विभाग से लाइसेंस लेना होता है. चंदन का पेड़ परजीवी होता है, इसलिए इसके साथ एक और पौधा लगाना पड़ता है, जिसे होस्ट प्लांट कहते हैं. इस पेड़ को उगने में ज्यादा समय लगता है और साथ ही ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. अगर आप कुछ सालों तक इन पेड़ों की अच्छी से देखभाल करते है तो आपकी किस्मत बदल जायेगी.
केसर की खेती
दुनिया का सबसे महंगा मसाला केसर होता है, जिसे ‘लाल सोना’ भी कहते हैं. केसर की खेती करना बहुत फायदेमंद होता है. इनकी खेती ठंडी और ऊँची जगहों पर होती है. आज के समय में कई किसान नई तकनीक से घर के अंदर भी केसर उगा रहे है. इसकी खेती करना बहुत मेहनत का काम है, लेकिन कमाई भी लाखों में होती है. केसर की फसल केवल 2-3 महीनों में तैयार हो जाती है.
मशरूम की खेती
मशरूम को एक सुपरफ़ूड माना जाता है, जिसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. इसकी खेती करना आसान है, क्योंकि इसके लिए ज्यादा जमीन और ज्यादा लागत की जरूरत नहीं होती है. इसे घर के अंदर भी उगाया जा सकता है. सही तरीके से खेती करके आप कुल लागत का तीन गुना लाभ कमा सकते है.
उड़द की खेती
उड़द की खेती करना आसान है. इसकी खेती में प्रति एकड़ सिर्फ 1200 रुपये का बीज ख़र्च आता है, लेकिन कमाई बहुत ज्यादा होती है. एक एकड़ में लगभग 10 से 12 क्विंटल उड़द हो जाती है. उड़द में कम समय में ज्यादा कमाई होने के कारण किसान इसे अपनी “ATM फ़सल” कहते हैं.
वनीला
आज के समय में वनीला की मांग बहुत बढ़ रही है. ये अपनी ख़ुशबू और स्वाद के लिए पूरी दुनिया में फेमस है. इसका इस्तेमाल आइसक्रीम, चॉकलेट और कई तरह की मिठाइयों में होता है. भारत में इसकी माँग बहुत ज़्यादा है, इसलिए किसान इसकी खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं.
एलोवेरा की खेती
आज के समय में एलोवेरा की खेती करना बहुत अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि इसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स, हेल्थ ड्रिंक्स और दवाइयाँ बनाने में किया जाता है. एलोवेरा कम लागत में ज्यादा फायदा देता है. इसके अलावा इसमें ज्यादा खाद की जरूरत भी नहीं होती है. एलोवेरा के एक पौधे से सालभर में लगभग 18 पत्तियाँ निकलती हैं, जिनकी क़ीमत 5-6 रुपये प्रति पत्ती तक हो सकती है. अगर कोई किसान 40,000 पौधे लगाता है, तो वह लाखों रुपये कमा सकता है.
