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हाई कोर्ट ने दिया ये सख्त आदेश, अब 9 महीने के बच्चों को भी पहनना होगा हेलमेट

बाइक पर बच्चों की सेफ्टी को लेकर कर्नाटक ने बड़ा कदम उठाया है। अब 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों के लिए दोपहिया वाहन पर पीछे बैठते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन और अवेयरनेस कैंपेन, जैसे “एक दिन के लिए पुलिसकर्मी बनें”, के ज़रिए लोगों को जागरूक कर रही है।

By Pinki Negi

हाई कोर्ट ने दिया ये सख्त आदेश, अब 9 महीने के बच्चों को भी पहनना होगा हेलमेट

कर्नाटक हाई कोर्ट के हालिया निर्देश के बाद राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि वह केंद्रीय मोटर वाहन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे। इस नियम के अंतर्गत अब दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वाले 9 महीने से 4 साल तक के बच्चों को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। यह फैसला न सिर्फ कानून की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि बच्चों की जान की सुरक्षा के लिए एक ज़रूरी पहल है।

बच्चों की सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

अक्सर देखा गया है कि माता-पिता खुद हेलमेट पहन लेते हैं, लेकिन पीछे बैठे बच्चे बिना किसी सुरक्षा के सफर करते हैं। बेंगलुरु के ट्रैफिक संयुक्त पुलिस आयुक्त कार्तिक रेड्डी ने स्पष्ट किया है कि हर जीवन कीमती है और दुर्घटनाएं बिना चेतावनी के हो सकती हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए हेलमेट लगाना एक जिम्मेदार कदम है, जो दुर्घटनाओं में गंभीर चोटों से बचा सकता है।

रेड्डी ने यह भी बताया कि बाजार में लगभग 1,000 रुपये की कीमत में बच्चों के लिए हल्के और आरामदायक हेलमेट आसानी से उपलब्ध हैं। इनमें Cushion Lining, Adjustable Straps और Good Ventilation जैसे फीचर्स होते हैं, जिससे बच्चों को इन्हें पहनने में परेशानी नहीं होती।

सरकार करेगी नियमों में संशोधन

कर्नाटक सरकार अगले छह महीनों में इन नियमों को और स्पष्ट करने की तैयारी में है। इसका मकसद है कि हर माता-पिता को यह स्पष्ट रूप से पता हो कि किस उम्र के बच्चों के लिए कौन-सा सेफ्टी गियर अनिवार्य है। साथ ही, इन नियमों को लागू करने के लिए शिक्षा और ट्रैफिक विभाग मिलकर विभिन्न अवेयरनेस कैंपेन भी चलाने की योजना बना रहे हैं।

बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस की नई पहलें

बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कई रोचक पहलें शुरू की हैं। इनमें सबसे चर्चित है “एक दिन के लिए पुलिसकर्मी बनें” कैंपेन। इस अभियान के तहत नागरिकों को ट्रैफिक मैनेजमेंट का रियल-लाइफ अनुभव लेने का मौका दिया जा रहा है। प्रतिभागियों को यह समझने का अवसर मिलता है कि सड़क के दूसरी ओर पुलिसकर्मियों को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

रजिस्ट्रेशन के लिए BTP ASTraM ऐप पर साइन-अप करना जरूरी है। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को न केवल फील्ड एक्सपीरियंस मिलता है, बल्कि उन्हें एक आधिकारिक सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। इस तरह के प्रोग्राम से नागरिकों और ट्रैफिक पुलिस के बीच बेहतर समझ और सहयोग विकसित होने की उम्मीद है।

समाज की जिम्मेदारी भी जरूरी

सरकार और पुलिस की कोशिशें तभी सफल होंगी जब लोग खुद अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। बच्चों को बाइक पर ले जाते समय जितना जरूरी है उन्हें आरामदायक सीट या सुरक्षा बेल्ट देना, उतना ही अहम है हेलमेट पहनाना। यह नियम किसी सज़ा से बचने के लिए नहीं, बल्कि एक मासूम जान को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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