
राज्य सरकार ने छुआछूत को खत्म करने के मकसद से शुरू की गई अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब सरकार ने आर्थिक मदद की राशि को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया है, जिसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है।
इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के युवक/युवतियाँ अनुसूचित जाति के युवक/युवतियों से कानूनी तौर पर विवाह करने पर यह राशि पाने के पात्र होंगे। आवेदन के साथ आयु प्रमाण के रूप में पंचायत या मैट्रिक सर्टिफिकेट देना और हिमाचल का स्थायी निवासी होना ज़रूरी है।
योजना के तहत अब दी जाएगी ₹2 लाख की सहायता राशि
हिमाचल प्रदेश सरकार ने अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना की राशि ₹50,000 से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी है। बिलासपुर के जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल ने बताया कि यह लाभ लेने के लिए सामान्य वर्ग (General Category) के युवक या युवती आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए युवक की आयु 21 वर्ष और युवती की आयु 18 वर्ष होनी ज़रूरी है। आवेदन के साथ आपको आयु, जाति, हिमाचली प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड की कॉपी और ग्राम प्रधान से मधुर संबंध रिपोर्ट देनी होगी। सारे मापदंड पूरे करने वाले दंपत्ति को विभाग यह सहायता राशि देगा।
अंतरजातीय विवाह पुरस्कार योजना के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
इस योजना के तहत सहायता राशि पाने के लिए, पात्र दम्पति को आवेदन पत्र के साथ कई ज़रूरी दस्तावेज़ लगाने होंगे। इनमें नायब तहसीलदार या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा जारी किया गया हिमाचली प्रमाण पत्र शामिल है।
इसके अलावा, जाति प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र, और दम्पति का फोटोग्राफ भी संलग्न करना होगा। प्रार्थी को एक शपथ पत्र भी देना होगा कि उसने पहले कभी यह पुरस्कार नहीं लिया है। सभी दस्तावेज़ों का सत्यापन संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी करेंगे, जिसके बाद ही पुरस्कार राशि देने की सिफारिश की जाएगी।









