भारत दुनिया में चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति वाला देश बनने वाला है क्योंकि यह वर्तमान समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ोतरी कर रहा है। इस आर्थिक उछाल के बीच, एक खबर तेजी से वाइरल हो रही है कि वर्ल्ड बैंक से भारत ने सबसे ज्यादा कर्ज लिया हुआ है और यह कर्ज लेने वाले देशों की लिस्ट में नंबर वन पर पहुंच गया है।
आप यह खबर सुनकर हैरान हो गए होंगे, लेकिन बता दें इस खबर को पूरी तरह से सच भी नहीं बताया जा सकता है। देश पर कितना कर्ज है इसका फैसला केवल कर्ज राशि देखने से नहीं होगा, इसके पीछे के दावे और पूरी सच्चाई को विस्तार से समझना होगा।

भारत पर वर्ल्ड बैंक राय
भारत की अर्थव्यस्था पर वर्ल्ड बैंक का कहना है, कि वित्तीय वर्ष (2025-26) में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। बैंक ने बताया है कि भारत की आर्थिक स्थिति काफी मजबूर ओट स्थिर है, यह इसलिए है क्योंकि देश में लोगों की डिमांड, सरकार कहाँ निवेश कर रही है और सर्विस सेंटर का इस पर पूरा सपोर्ट बना हुआ है।
भारत का कर्ज से जीडीपी अनुपात
अगर आप जानना चाहते हैं कि किस देश ने कितना कर्ज लिया है यानी की उसकी कर्ज की क्या स्थिति है तो इसके लिए कर्ज से जीडीपी अनुपात किया जाता है। यानी की देश के कुल कर का उसकी सालाना कमाई के कितना अनुपात आता है।
- वर्ष 2024 की बात करें तो देश का Debt-to-GDP अनुपात करीबन 81.92 रहा था। भले ही यह पिछले साल से थोड़ा सा बढ़ा हुआ लेकिन घबराने की बात नहीं है।
- दुनिया में जब कोरोना महामारी फैली हुई थी तो भारत में यह अनुपात 89% पहुंच गया था, यानी की आप समझ सकते हैं उस समय यह बहुत अधिक बढ़ गया था। अगर इस हिसाब से देखें तो आज की स्थिति काफी बेहतर है।
टॉप कर्जदार देशों में भारत का स्थान
यदि हम आपको GDP के मुकाबले 2025 में सबसे बड़े कर्जदार की लिस्ट दिखाएं तो भारत का नाम टॉप 10 लिस्ट में शामिल ही नहीं है। इससे पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है।
टॉप कर्जदार देश | ऋण से GDP अनुपात |
जापान | 248.7% |
सूडान | 237.1% |
सिंगापुर | 175.8% |
अमेरिका | 124.1% |
ग्रीस | 152.9% |
इस सूची में आप अन्य देशों के नाम देख सकते हैं, लेकिन आपको यहाँ पर भारत का नाम नहीं दिखाई देगा क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों पर भारत सबसे अधिक कर्जदार नहीं है।
वर्ल्ड बैंक से भारत क्यों ले रहा है लोन?
भारत की आर्थिक महत्वकांक्षाएँ और विकास लक्ष्य साफ साफ दिखाई देते हैं, इस वजह से वो आज वर्ल्ड बैंक डेटर्स सूची में शामिल हुआ है।
- भारत नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में भारी मात्रा में निवेश कर रहा है ताकि वह अपने लक्ष्य को पूरा कर सके। इसके लिए पैसों की आवश्यकता होनी एक जाहिर सी बात है।
- देश बुनियादी ढांचों और विकास जैसे सड़के, रेल, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और जलवाई परिवर्तन जैसे प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए वर्ल्ड बैंक से ऋण लेता है क्योंकि यह कम ब्याज दर पर मिल जाता है।
- अगर भारत की विशाल GDP देखी जाए तो इसके सामने वर्ल्ड बैंक का कर्ज 1% से भी कम है। भारत ने 2023-24 में ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए करीबन $3.3 का नया लोन लिया था।