
भारत में बढ़ते डिजिटल घोटालों को रोकने के लिए सरकार 2026 तक SIM-binding और CNAP जैसे कड़े सुरक्षा नियम लागू करने जा रही है। इन नए नियमों के तहत अब फोन कॉल आने पर कॉलर का असली नाम स्क्रीन पर दिखेगा और आपके सिम कार्ड को सीधे आपके डिवाइस से लिंक (बाइंड) कर दिया जाएगा।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य फर्जी कॉल, दूसरों के नाम पर होने वाले फ्रॉड और विदेशी स्कैम नेटवर्क्स को पूरी तरह खत्म करना है। टेलीकॉम रेगुलेटर्स अब सिस्टम को इतना मजबूत बना रहे हैं कि कोई भी जालसाज अपनी पहचान छिपाकर आपको शिकार न बना सके।
RBI और TRAI ने मिलाया हाथ, अब ठगों की खैर नहीं
भारत में साइबर फ्रॉड अब सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गया है। फर्जी निवेश और बैंक अधिकारी बनकर की जाने वाली ठगी में लोग न केवल अपनी गाढ़ी कमाई खो रहे हैं, बल्कि भारी मानसिक तनाव का भी सामना कर रहे हैं। चूंकि अधिकांश स्कैम नेटवर्क विदेशों से चलाए जा रहे हैं, इसलिए दोषियों को पकड़ना और डूबा हुआ पैसा वापस लाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसी संकट को देखते हुए अब RBI, TRAI, NPCI और दूरसंचार विभाग ने एक साझा मोर्चा तैयार किया है, ताकि बैंकिंग और टेलीकॉम सिस्टम को इतना सुरक्षित बनाया जा सके कि ठगों के लिए सेंध लगाना नामुमकिन हो जाए।
अब फर्जी कॉल का खेल खत्म, फोन की घंटी बजते ही दिखेगा कॉलर का असली नाम
कॉलिंग की दुनिया में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार CNAP (Caller Name Presentation) सिस्टम लागू करने जा रही है। इस फीचर की सबसे खास बात यह है कि जब भी आपके फोन पर कोई अनजान कॉल आएगी, तो स्क्रीन पर उस व्यक्ति का वही KYC वेरिफाइड नाम दिखाई देगा जो उसके सिम कार्ड के साथ रजिस्टर्ड है।
इससे स्कैमर्स के लिए बैंक अफसर या पुलिसकर्मी बनकर लोगों को ठगना नामुमकिन हो जाएगा, क्योंकि उनकी असली पहचान छिपी नहीं रहेगी। TRAI के निर्देशानुसार टेलीकॉम कंपनियां इसका परीक्षण शुरू कर चुकी हैं और 2026 की शुरुआत तक यह फीचर हर मोबाइल यूजर के लिए अनिवार्य (Default) बना दिया जाएगा।
सिम-बाइंडिंग नियम
सरकार अब मैसेजिंग ऐप्स (जैसे WhatsApp) पर होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए SIM-binding सिस्टम अनिवार्य करने जा रही है। इस नए नियम के तहत, आपका मैसेजिंग अकाउंट तभी चलेगा जब वह फिजिकल सिम कार्ड आपके फोन में मौजूद और एक्टिव होगा।
अभी स्कैमर एक बार ओटीपी लेकर सिम फेंक देते हैं और अकाउंट चलाते रहते हैं, लेकिन अब सिम हटते ही अकाउंट काम करना बंद कर देगा। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए प्लेटफार्म्स को तैयारी करने का समय दे दिया है और 2026 तक यह सुरक्षा फीचर हर मोबाइल के लिए जरूरी हो जाएगा, जिससे फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी करने वालों पर लगाम लगेगी।
2026 से सुरक्षित होगा हर कॉल और मैसेज, बढ़ेगा यूजर्स का भरोसा
सरकार के इन नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा—अब अनजान कॉल रिसीव करने का डर कम होगा और आपको पता होगा कि दूसरी तरफ कौन है। SIM-binding और CNAP के लागू होने से मैसेजिंग ऐप्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगी करने वाले गिरोहों की कमर टूट जाएगी। हालांकि, शुरुआत में इन तकनीकी बदलावों को अपनाने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन भविष्य में यह एक बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद डिजिटल इंडिया की नींव रखेगा। सरकार का यह कदम हर नागरिक की मेहनत की कमाई और उनकी प्राइवेसी को साइबर अपराधियों से बचाने की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव है।









