क्या आप जानते हैं कि भारत में ही कुछ ऐसे राज्य हैं, जहां जाने से पहले सरकारी इजाजत लेना जरूरी होता है? यह अनुमति “इनर लाइन परमिट” यानी ILP (Inner Line Permit) कहलाती है। यह नियम देश के सीमावर्ती और जनजातीय क्षेत्रों की सुरक्षा और उनके सांस्कृतिक संरक्षण के लिए बनाया गया है।

क्या है इनर लाइन परमिट?
इनर लाइन परमिट एक प्रकार की विशेष अनुमति होती है जो भारतीय नागरिकों को देश के कुछ खास इलाकों में प्रवेश के लिए लेनी पड़ती है। यह नियम उस व्यक्ति की सुरक्षा, स्थानीय जनजातियों के हित और क्षेत्रीय संसाधनों की रक्षा के लिए लागू किया गया है। इसे ब्रिटिश काल में लागू बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 से प्रेरित माना जाता है।
जिन राज्यों में ILP अनिवार्य है
1. अरुणाचल प्रदेश
भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित अरुणाचल प्रदेश चीन, भूटान और म्यांमार से सटा हुआ राज्य है। यहां प्रवेश के लिए ILP अनिवार्य है। यह व्यवस्था स्थानीय पहचान की रक्षा और सुरक्षा कारणों से लागू की गई है। अरुणाचल प्रदेश का परमिट ऑनलाइन माध्यम से आसानी से उपलब्ध कराया जाता है और यह कुछ दिनों की सीमित अवधि तक मान्य रहता है।
2. नागालैंड
नागालैंड अपनी समृद्ध जनजातीय संस्कृति और खूबसूरत पर्वतों के लिए मशहूर है। यहां की जनजातियों की परंपराओं और उनके जीवन-शैली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ILP जरूरी है। खास तौर पर हॉर्नबिल फेस्टिवल जैसे आयोजनों में जाने से पहले इस परमिट को लेना आवश्यक होता है।
3. मिजोरम
मिजोरम, जो बांग्लादेश और म्यांमार से सटा है, सुरक्षा की दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र है। यहां हर भारतीय नागरिक को प्रवेश से पहले ILP लेना अनिवार्य है। इसकी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और संपर्क कार्यालयों के माध्यम से की जा सकती है।
4. मणिपुर
मणिपुर में 2019 से इनर लाइन परमिट प्रणाली लागू है। यह नियम पर्यटकों और बाहरी निवासियों दोनों पर लागू होता है। आज यह परमिट डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है, जिससे राज्य में प्रवेश की प्रक्रिया और आसान बन गई है।
5. लक्षद्वीप
अगर आप भारत के सुंदर द्वीपक्षेत्र लक्षद्वीप घूमने जा रहे हैं, तो आपको एक विशेष एंट्री परमिट या पुलिस क्लीयरेंस की जरूरत होगी। इससे प्रशासन को सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों में मदद मिलती है।
परमिट न लेने पर क्या सजा है?
यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमोदित परमिट के इन संवेदनशील इलाकों में प्रवेश करता है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाता है। ऐसे में दोषी व्यक्ति को पांच साल तक की जेल, पांच लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सजा हो सकती हैं।
क्यों जरूरी है यह नियम
इनर लाइन परमिट न केवल सुरक्षा से जुड़ा हुआ नियम है बल्कि यह स्थानीय जनजातीय आबादी, पर्यावरण और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाता है। यह सुनिश्चित करता है कि बाहरी प्रभाव उन पर नकारात्मक असर न डाले और क्षेत्र की पारंपरिक विरासत सुरक्षित बनी रहे।









