
भारत की सबसे बड़ी टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनी कोलगेट पामोलिव की बाज़ार में रफ़्तार इन दिनों धीमी पड़ गई है। टूथपेस्ट, जिसका इस्तेमाल लोग सुबह सबसे पहले करते हैं, उसकी बिक्री में कमी आई है। कंपनी के चेयरमैन और ग्लोबल सीईओ नोएल वालेस ने इस मंदी का कारण शहरी क्षेत्रों में कमज़ोर मांग और हाल ही में जीएसटी दर में बदलाव के कारण सप्लाई में आई गड़बड़ी को बताया है। उनका मानना है कि बिक्री में सुधार अगले साल से ही होने की उम्मीद है।
Colgate Toothpaste की बिक्री में गिरावट
भारत में जानी-मानी कंपनी कोलगेट के टूथपेस्ट की बिक्री में कमी आ रही है। कोलगेट के चेयरमैन नोएल वालेस के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में टूथपेस्ट की मांग धीमी है, हालाँकि ग्रामीण बाज़ार का प्रदर्शन ठीक है। आपको बता दें कि भारत में कोलगेट यूनिट ने लगातार तीन तिमाहियों (quarters) से अपनी बिक्री में गिरावट दर्ज की है।
कोलगेट कंपनी ने क्या कहा ?
कोलगेट कंपनी ने बताया है कि जीएसटी कटौती और सामान के स्टॉक में गड़बड़ी के कारण उनकी बिक्री घटी है, जिससे सितंबर तिमाही में कंपनी की आय में 6.3 प्रतिशत की कमी आई है। भारत के ₹16,700 करोड़ के टूथपेस्ट बाज़ार में, कोलगेट की हिस्सेदारी दो साल पहले 46.1 प्रतिशत थी जो अब घटकर 42.6 प्रतिशत रह गई है। वहीं, इस बीच डाबर की बाज़ार हिस्सेदारी बढ़कर 13.9 प्रतिशत और पतंजलि की 10.9 प्रतिशत हो गई है, जबकि जीएसके कंज्यूमर की हिस्सेदारी भी 8.8 प्रतिशत पर पहुँच गई है।
कंपनी बाजार में प्रीमियम उत्पादन पर ध्यान दे रही
कंपनी अब बाज़ार में अपनी जगह मजबूत करने के लिए ऊंचे दर्जे के (प्रीमियम) उत्पादों और नए आविष्कारों पर ध्यान दे रही है। इसी रणनीति के तहत, कंपनी ने हाल ही में अपना मशहूर उत्पाद ‘कोलगेट स्ट्रांग टीथ’ फिर से बाज़ार में उतारा है ताकि बिक्री बढ़ाई जा सके। सीईओ (CEO) नोएल वालेस ने बताया कि हमारा मुख्य लक्ष्य अपने ज़रूरी उत्पादों में बड़े बदलाव लाना और महँगे सेगमेंट पर ज़ोर देना है, जिससे बड़े स्टोरों और आधुनिक व्यापार चैनलों में हमारी पहुँच बढ़े।
					







