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India-Bangladesh Crisis: भारत-बांग्लादेश में भारी तनाव! शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर मोदी सरकार का सख्त फ़ैसला

शेख हसीना जब 5 अगस्त को बांग्लादेश से भारत आई थीं, तब से लेकर आज तक सवाल ये है कि वे भारत में कहां हैं और कब तक रहेंगी। उनके प्रत्यर्पण की क्या हालत है? जानिए हिंडन एयरबेस के पास उनके ठिकाने और भारत-बांग्लादेश की प्रत्यर्पण संधि पर सबकुछ विस्तार से। पढ़ें पूरी रिपोर्ट!

By GyanOK

शेख हसीना को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल सामने आ रहे हैं। 5 अगस्त 2024 को जब वे बांग्लादेश से भारत पहुंची थीं, तब से लेकर आज तक उनकी भारत में मौजूदगी पर चर्चा जारी है। कई लोग जानना चाहते हैं कि वे भारत में कब तक रहेंगी, वे कहां हैं, और क्या भारत उन्हें प्रत्यर्पण संधि के तहत वापस बांग्लादेश भेजेगा।

India-Bangladesh Crisis: भारत-बांग्लादेश में भारी तनाव! शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर मोदी सरकार का सख्त फ़ैसला
India-Bangladesh Crisis: भारत-बांग्लादेश में भारी तनाव! शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर मोदी सरकार का सख्त फ़ैसला

भारत में शेख हसीना की वर्तमान स्थिति

शेख हसीना वर्तमान में भारत में रेजिडेंस परमिट पर टिके हुए हैं, जो उन्हें लंबे समय तक रहने की अनुमति देता है। वे दिल्ली के हिंडन एयरबेस के नजदीक एक सुरक्षित सरकारी आवास में रह रही हैं, जहां उन्हें पक्षपातरहित सुरक्षा मिली हुई है। भारत ने बांग्लादेश के प्रत्यर्पण अनुरोधों पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है और इस मामले में स्थिरता बनाए रखी है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत की प्रत्यर्पण संधि उन मामलों में प्रत्यर्पण से इंकार करने का अधिकार देती है जिनमें राजनीतिक कारण शामिल हों। भारत इसे राजनीतिक शरण जैसी सुविधा प्रदान करता है हालांकि औपचारिक रूप से इसे शरण नहीं कहता.

बांग्लादेश में स्थिति और आरोप

बांग्लादेश की वर्तमान अस्थाई सरकार ने शेख हसीना पर कई आरोप लगाए हैं, जिनमें मर्डर और नरसंहार जैसे गम्भीर अपराध शामिल हैं। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है और उनकी सरकार के पतन के बाद भारत में आने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारत ने उनके प्रत्यर्पण पर चुप्पी साध रखी है, क्योंकि राजनीतिक कारणों से प्रत्यर्पण करना संवेदनशील है। शेख हसीना के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ ये मुकदमे राजनीतिक हैं, जबकि विरोधी उनका आरोप हत्या और अन्य अपराधों से जोड़ते हैं.

भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि और राजनीतिक कंडीशन्स

भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 की प्रत्यर्पण संधि है, जिसमें अपराधियों के प्रत्यर्पण का प्रावधान है। लेकिन इस संधि में एक महत्वपूर्ण छूट है, कि पॉलिटिकल नेचर के मामलों में प्रत्यर्पण नहीं किया जाता। चूंकि शेख हसीना पर लगे मामले हत्या और नरसंहार के हैं, न कि राजनीतिक अपराधों के, इसलिए बांग्लादेश प्रत्यर्पण की मांग कर रहा है। फिर भी भारत ने राजनीतिक शरण की आधार पर उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी है, ताकि उनके प्रति अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धता निभा सके। इसके कारण वे भारत में सुरक्षित हैं और जब तक हालात अनुकूल नहीं होते, वे यहीं रहने की संभावना बनाए रखेंगे.

शेख हसीना के भारत में आने का इतिहास और सुरक्षा

1971 के बाद भारत ने शेख हसीना को विशेष सुरक्षा और सहायता दी थी। 1975 में उनके पिता की हत्या के बाद वे छिपकर भारत में छह साल तक थीं। भारत ने उन्हें विभिन्न अवसरों पर यह सुनिश्चित किया कि वे सुरक्षित रहें। वर्तमान में भी भारत उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, जिससे वे सुरक्षित सेफ हाउस में रह रही हैं। हिंडन एयरबेस के आसपास के इलाके को अत्यंत सुरक्षित माना जाता है, जहां सामान्य कर्मचारियों की भी पहुंच सीमित होती है.

शेख हसीना फिलहाल भारत में सुरक्षित हैं, उनके पास रेजिडेंस परमिट है और भारत ने प्रत्यर्पण की मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। वे तब तक यहीं रहने की स्थिति में हैं जब तक बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति स्थिर नहीं हो जाती। भारत ने कूटनीतिक और राजनीतिक कारणों से यह निर्णय लिया है, ताकि अपना एक सहयोगी न खोए और दो देशों के बीच रिश्तों को भी स्थिर रखा जा सके।

यह मुद्दा न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच की साझेदारी की परीक्षा है, बल्कि दक्षिण एशिया की राजनीति में एक संवेदनशील कूटनीतिक पहलू भी है। इसलिए शेख हसीना का भारत में रहना एक राजनीतिक, कानूनी और कूटनीतिक मामला बन गया है।

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GyanOK
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