
MBBS की पढ़ाई हर छात्र का सपना होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ देशों में यह सपना पूरा करना इतना महंगा हो चुका है कि छात्रों और उनके परिवारों को अपनी संपत्ति बेचने तक की नौबत आ जाती है? आज हम बात करेंगे उन देशों की जहां MBBS की फीस इतनी ज़्यादा है कि घर-बंगला बेचकर भी यह खर्चा पूरा करना मुश्किल हो जाता है। खासकर भारत, अमेरिका, और यूनाइटेड किंगडम (UK) जैसे देशों में मेडिकल शिक्षा की लागत एक बड़ा सवाल बन चुकी है।
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अमेरिका में मेडिकल शिक्षा की भारी कीमत
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में मेडिकल स्कूल की फीस लगभग $300,000 यानी करीब ₹2.5 करोड़ तक हो सकती है। यह आंकड़ा केवल कॉलेज की फीस का है, इसके अलावा लाइफस्टाइल, किताबें और अन्य खर्चे इसमें शामिल नहीं हैं। यहां के सरकारी और निजी दोनों ही कॉलेजों में फीस इतनी अधिक है कि ज्यादातर छात्र शिक्षा ऋण लेकर या फिर अपने घर-बंगले बेचकर इस भारी बोझ को उठाते हैं। अमेरिका में मेडिकल की पढ़ाई के बाद भी छात्रों पर कई सालों तक कर्ज का दबाव रहता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ता है।
यूनाइटेड किंगडम में मेडिकल की बढ़ती फीस
यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी मेडिकल शिक्षा की कीमत आसमान छू रही है। यहां की फीस सालाना लगभग £30,000 (लगभग ₹30 लाख) तक पहुंच सकती है, जो कि केवल फीस है, जीवन यापन के खर्च अलग से होते हैं। UK में भी मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए फाइनेंसियल स्ट्रगल आम बात है, खासकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए। इस वजह से बहुत से भारतीय छात्र भी UK में पढ़ाई के लिए भारी ऋण लेने को मजबूर हैं।
भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की महंगी फीस
भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस अपेक्षाकृत कम है, लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की फीस बहुत महंगी हो चुकी है। कुछ राज्यों में, जैसे तमिलनाडु में, कुछ प्राइवेट कॉलेजों की फीस ₹2 करोड़ तक पहुंच चुकी है। यह फीस न केवल आम परिवार के लिए भारी है, बल्कि इसके लिए परिवार को अपनी संपत्ति बेचने या बड़ी रकम का कर्ज लेने की नौबत आती है। भारत में भी इस कारण कई छात्रों का मेडिकल का सपना अधूरा रह जाता है या वे विदेश जाकर सस्ते विकल्प तलाशते हैं।
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कम खर्च वाली MBBS पढ़ाई के वैकल्पिक देश
कम लागत में MBBS की पढ़ाई के लिए कई स्टूडेंट्स अब रूस, किर्गिस्तान, यूक्रेन, और फिलीपींस जैसे देशों का रुख कर रहे हैं। रूस में MBBS की फीस लगभग $1,750 (लगभग ₹1.5 लाख) प्रति वर्ष है, जो कि अमेरिका और भारत के प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में बहुत कम है। किर्गिस्तान में फीस $2,000 (लगभग ₹1.7 लाख) के आस-पास है, जबकि यूक्रेन में यह $4,000 से $6,000 (लगभग ₹3.3 लाख से ₹5 लाख) तक होती है। फिलीपींस में भी फीस $6,000 से $12,000 (लगभग ₹5 लाख से ₹10 लाख) तक होती है। ये देश उन छात्रों के लिए अच्छे विकल्प बनते जा रहे हैं जो कम खर्च में अच्छे मेडिकल शिक्षा के अवसर चाहते हैं।
विदेश में मेडिकल शिक्षा के लिए जरूरी बातें
मेडिकल शिक्षा के लिए विदेश जाना, फीस की तुलना करना, और देश के नियमों को समझना आज के छात्रों के लिए अनिवार्य हो गया है। हर देश की मेडिकल शिक्षा प्रणाली, प्रवेश प्रक्रिया, भाषा, और जीवन यापन की लागत अलग होती है, इसलिए स्टूडेंट्स को पूरी जानकारी लेकर ही फैसला लेना चाहिए। साथ ही, इन देशों के मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और भारत में एमसीआई (Medical Council of India) या NMC (National Medical Commission) द्वारा मान्यता प्राप्त होना भी जरूरी है ताकि भारत में डॉक्टर के तौर पर काम किया जा सके।
MBBS की महंगी फीस का प्रभाव और समाधान
MBBS की महंगी पढ़ाई के कारण छात्रों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है, जो उनकी मनोदशा और भविष्य दोनों पर असर डालता है। ऐसे में, यदि कोई छात्र बेहतर और कम खर्चीले विकल्प की तलाश में है, तो उसे विदेश में मेडिकल शिक्षा के विकल्पों को ध्यान से देखना चाहिए, साथ ही फाइनेंसियल प्लानिंग और स्कॉलरशिप के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
MBBS की फीस में वृद्धि का कारण महंगे उपकरण, अध्यापन की गुणवत्ता, और मेडिकल कॉलेजों का प्राइवेटकरण है। यह जरूरी है कि सरकार और संबंधित संस्थान इस समस्या को समझें और शिक्षा को हर वर्ग के लिए सुलभ बनाएं ताकि अधिक से अधिक छात्र बिना आर्थिक बोझ के डॉक्टर बन सकें।