
भारतीय इनकम टैक्स की और से यह साफ कर दिया गया है की देश के सभी निवासी विदेश में रखी अपनी आय या संपत्ति की जानकारी ITR को जरूर बताएं। वरना उनपर 10 लाख रूपये का जुर्माना लगने के साथ-साथ उन्हे जेल भी हो सकती है। यह कदम कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और फॉरेन अकाउंट टैक्स कम्प्लायंस एक्ट (FATCA) के तहत वैश्विक डेटा शेयरिंग नेटवर्क के जरिए विदेशी टैक्स चोरी को बंद करने के लिए उठाया गया है।
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कौन-कौन सी जानकारी देनी अनिवार्य
बता दें भारतीय इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत सभी भारतीय नागरिकों को अपनी विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग करना अनिवार्य होगा, जिसके लिए विदेशी संपत्तियों की रिपोर्टिंग नियम निम्नलिखित हैं।
- Schedule FA: विदेश में मौजूद सम्पत्ति जैसे बैंक खाता, प्रॉपर्टी, निवेश आदि की जानकारी देनी होगी।
- Schedule FSI: विदेश में अर्जित आय (ब्याज, किराया, डिविडेंड) आदि की जानकारी।
- Schedule TR: विदेश में टैक्स भरने पर राहत के लिए।
- Form 67: DTAA के तहत टैक्स क्रेडिट के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिला करने से पहले ऑनलाइन जमा करना जरुरी।
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आय और संपत्ति की डिटेल नहीं देने पर कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति विदेश में रखी अपनी आय या सम्पत्ति की जानकारी साझा नहीं करता है तो उसपर 10 लाख प्रति छुपाई गई संपत्ति का जुर्माना, टैक्स राशि का तीन गुना अतिरिक्त जुर्माना, छह माह से सात साल तक की जेल हो सकती है। बता दें भारतीय नागरिकों को दोहरी कराधान से बचने के लिए सेक्शन 90/90A: डीडीएए के तहत राहत मिलती है।
क्रिप्टो और एनएफटी की रिपोर्टिंग
नागरिक को क्रिप्टोकरेंसी और NFT से हुई आय को Schedule VDA में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करना होगा। यदि यह डिजिटल संपत्ति विदेशी वॉल्ट या एक्सचेंज में है तो Schedule FA में भी घोषित करना होगा। इस आय पर 30% की फिक्स्ड टैक्स दर भी लागू होती है।
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इनकम टैक्स का जरुरी संदेश
इनकम टैक्स विभाग की और से यह साफ संदेश दिया गया है, की हर नागरिक को अपनी विदेशी आय और संपत्तियों की स्वैछिक घोषणा करना जरुरी होगा। क्योंकि CRS और FATCA के जरिए रियल-टाइम डेटा का आदान-प्रदान के कारण टैक्स चोरी करना संभव नहीं है, ऐसे में जानकारी छुपाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।