
अक्सर चारधाम और कांवड़ यात्रा के समय हरिद्वार और ऋषिकेश में जाम लग जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब हरिद्वार और ऋषिकेश पर 25 किलोमीटर लंबी नई बाईपास रोड का निर्माण हो रहा है। गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्ग, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और वन विभाग की टीमों ने मिलकर इस वैकल्पिक मार्ग का सर्वे किया। यह नया मार्ग चंडीघाट (हरिद्वार) से नीलकंठ (ऋषिकेश) तक बनेगा और इसका ज़्यादातर हिस्सा राजाजी टाइगर रिजर्व से होकर गुज़रेगा।
सड़क का आखिरी नक्शा बनाया जायेगा
गुरुवार को चीला में हुई बैठक में सड़क निर्माण और वन्य जीव गलियारों पर बात हुई। वन विभाग के सुझावों को ध्यान में रखकर ही सड़क का आखिरी नक्शा बनाया जाएगा। सर्वे में उन रास्तों को पहचाना गया है जहाँ से जानवर पारंपरिक रूप से गुज़रते हैं, और इन जगहों पर उनके लिए अंडरपास बनाए जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार, यह प्रस्तावित बाईपास मार्ग लगभग 25 किलोमीटर लंबा होगा, जिससे यात्री हरिद्वार और ऋषिकेश के भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों से बचकर सीधा जा सकेंगे।
ट्रैफिक पर नहीं पड़ेगा दबाव
हरिद्वार और ऋषिकेश म नया मार्ग बनने से ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे वहाँ के लोगों को जाम से राहत मिलेगी। यह सुविधा खासकर चारधाम यात्रा और सावन की कांवड़ यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होगी।
सर्वे के लिए कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी सर्वे के दौरान मौजूद थे। NHAI की ओर से क्षेत्रीय अधिकारी विशाल गुप्ता, परियोजना निदेशक प्रदीप सिंह गुसाईं, तकनीकी प्रबंधक राजकुमार पांडे, स्थलीय अभियंता नवीन सिंह शामिल थे, जबकि वन विभाग की ओर से प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव चीफ) रंजन कुमार मिश्रा, पार्क निदेशक डॉ. कोको रोसे, नोडल अधिकारी एसपी सुबुद्धि, सहायक वन संरक्षक चित्रांजली नेगी व सरिता भट्ट, रेंज अधिकारी बीड़ी तिवारी, वन दारोगा अनुराग गिरि व राहुल सैनी उपस्थित थे।
हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने संसद के पिछले मानसून सत्र में हरिद्वार-ऋषिकेश बाईपास सड़क का मामला उठाया था। इस पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भरोसा दिलाया है कि बाईपास के सर्वे का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा।