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दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत, जानिए क्या होते हैं ग्रीन पटाखे और इनके फायदे

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर ग्रीन पटाखों को जलाने की इजाजत दे दी है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ग्रीन पटाखे क्या हैं? इनमें हानिकारक रसायन नहीं होते और ये सामान्य पटाखों की तुलना में 30% तक कम प्रदूषण फैलाते हैं। SWAS, SAFAL और STAR जैसे इन पटाखों के प्रकार, इनकी पहचान का तरीका और पर्यावरण को होने वाले फायदों के बारे में पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।

By Pinki Negi

दिवाली पर ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत, जानिए क्या होते हैं ग्रीन पटाखे और इनके फायदे
ग्रीन पटाखे

इस दिवाली पर देश के करोड़ों लोगों को सुप्रीम कोर्ट से रहत मिली है, जहाँ कई सालों तक पटाखे जलाने पर रोक थी, वही अब ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि पूर्ण प्रतिबंध न तो व्यावहारिक है और न ही आवश्यक। हालांकि ये पटाखे पूरी तरह प्रदूषण मुक्त नहीं हैं, लेकिन ये सामान्य पटाखों की तुलना में 30% तक कम प्रदूषण और ज़हरीले तत्व छोड़ते हैं। असली ग्रीन पटाखों की पहचान करना ज़रूरी है, जिसके लिए हर पटाखे पर CSIR-NEERI का लोगो और एक QR कोड होना अनिवार्य है।

ग्रीन पटाखों की पहचान कैसे करें ?

ग्रीन पटाखों की पहचान करना मुश्किल नहीं है, इनकी पैकेजिंग पर CSIR-NEERI का QR कोड लगा होता है, जिसे स्कैन करके असली या नकली का पता लगाया जा सकता है। ये पटाखे दिखने में सामान्य पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन ये उनसे 20 से 30% कम प्रदूषण फैलाते हैं, कम धुआँ, कम हानिकारक रसायन और कम धातुएँ उत्सर्जित करते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार ये पूरी तरह प्रदूषणमुक्त नहीं हैं, लेकिन प्रदूषण को कम करने में सहायक हैं। हालांकि, दिल्ली में इनकी सफलता एक चुनौती है, जहाँ अवैध बिक्री और पारंपरिक पटाखों के इस्तेमाल का खतरा रहता है, इसलिए प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का ही उपयोग हो और नियमों का सख्ती से पालन हो।

ग्रीन पटाखों के फायदे

  • ग्रीन पटाखों में हानिकारक रसायन जैसे बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल नहीं होता है।
  • ये पटाखे कम प्रदूषण फैलाते हैं, क्योंकि ये 30% तक कम प्रदूषणकारी कण (Particulate Matter) उत्सर्जित करते हैं।
  • इनसे सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) जैसी गैसों का उत्सर्जन भी काफी कम होता है।
  • सामान्य पटाखों की तुलना में इनकी आवाज़ भी 10-15 डेसिबल तक कम होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में जिन पटाखों को जलाने की इजाजत दी है, वे यही QR कोड वाले और CSIR-NEERI द्वारा प्रमाणित ग्रीन पटाखे हैं।

ग्रीन पटाखे कितने प्रकार के होते है ?

ग्रीन पटाखे मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जिन्हें CSIR-NEERI ने विकसित किया है, और हर प्रकार की अपनी खास विशेषता है:

ग्रीन पटाखेपूरा नाम (Full Form)विशेषता (Key Feature)
SWASSafe Water and Air Releaserयह जलवाष्प या महीन पानी की बूँदें छोड़ता है, जो पटाखों से निकलने वाली धूल (कण प्रदूषण) को सोख लेती हैं।
SAFALSafe Minimal Aluminiumइसमें एल्यूमीनियम की मात्रा सुरक्षित और न्यूनतम रखी जाती है, जिससे यह कम शोर करता है।
STARSafe Thermite Crackerयह पोटैशियम नाइट्रेट या सल्फर का उपयोग नहीं करता है, जिसके कारण यह बहुत कम धुआँ (स्मोक) उत्सर्जित करता है।
Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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