उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत चल रही विधवा पेंशन योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। प्रशासन की हालिया जांच में पता चला कि कई महिलाएं दोबारा शादी करने के बावजूद विधवा पेंशन का लाभ उठाती रहीं। इस खुलासे ने ना केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।

33 महिलाओं पर कार्रवाई, पेंशन हुई बंद
जिला प्रोबेशन विभाग द्वारा किए गए विस्तृत सत्यापन अभियान में 33 ऐसी महिलाएं सामने आईं, जिन्होंने दूसरी शादी करने के बाद भी स्वयं को “विधवा” बताकर पेंशन का लाभ लिया। जांच के बाद सभी के नाम लाभार्थियों की सूची से हटा दिए गए हैं और पेंशन तुरंत रोक दी गई है।
अधिकारियों का कहना है कि इन महिलाओं को अब गलत तरीके से मिली पेंशन की पूरी राशि वापस करनी होगी। विभाग ने रिकवरी प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए संबंधित तहसील अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
किन क्षेत्रों में मिली अनियमितता
यह फर्जीवाड़ा जिले के कई ब्लॉकों में फैला हुआ था। बिल्हौर, बिधनू और पतारा में छह-छह मामले मिले हैं। वहीं कल्याणपुर और घाटमपुर में पांच-पांच, शिवराजपुर में चार और सरसौल में एक मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, यह अनियमितताएं स्थानीय स्तर पर की गई गलत सूचनाओं और पुराने रेकॉर्ड अपडेट न होने की वजह से हुईं।
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प्रशासन का सख्त रुख
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्थिति में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब “डबल बेनिफिट” लेने वाले लाभार्थियों से एक-एक पाई वसूली जाएगी। साथ ही, भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए डिजिटल सत्यापन और निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
आगामी महीनों में जिले के सभी पेंशन लाभार्थियों की जानकारी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार का फर्जी दावा तुरंत पकड़ा जा सके। विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि जो वास्तव में मदद के पात्र हैं, केवल वही योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।
रिटायर्ड अफसरों पर भी गिरी गाज
इसी दौरान कानपुर में ही आवास विकास विभाग से जुड़ा एक बड़ा वित्तीय घोटाला भी सामने आया है। जांच के बाद 50 से अधिक रिटायर अफसरों और इंजीनियरों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इनमें कई ऐसे अधिकारी शामिल हैं जिन पर करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान का आरोप लगा है।
सूत्रों के अनुसार, एक मामले में 5.87 करोड़ रुपये की रकम बिना उचित प्रक्रिया पूरी किए वापस कर दी गई थी। अब विभाग ने आदेश जारी किया है कि जिन भी अफसरों पर घोटाले का आरोप साबित होगा, उनसे रकम की वसूली की जाएगी या उनकी पेंशन से कटौती की जाएगी।
सख्त संदेश, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
कानपुर प्रशासन इन दोनों मामलों की कार्रवाई के माध्यम से साफ संदेश देना चाहता है कि जनता के पैसों के गलत इस्तेमाल पर किसी को छोड़ने का सवाल नहीं है। चाहे लाभार्थी हों या अधिकारी — नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सभी कल्याणकारी योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग हो और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हर लाभार्थी की जानकारी समय-समय पर अपडेट की जाए।









