
देवघर के सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में रविवार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में लगभग 140 खाद्य कारोबारियों और फूड हैंडलर्स ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्हें सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री बेचने के नियमों की जानकारी दी गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शहर में बिकने वाले खाने-पीने के सामान की शुद्धता सुनिश्चित करना और ग्राहकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा तय मानकों का कड़ाई से पालन करवाना है।
डॉ. राकेश सिंह ने खाद्य कारोबारियों को दी पैकेजिंग और वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग
देवघर में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में FSSAI के अधिकृत पार्टनर ‘ज्ञान सिटी एजुकेशनल ट्रस्ट’ ने कारोबारियों को सुरक्षित खान-पान के गुर सिखाए। मुख्य प्रशिक्षक डॉ. राकेश सिंह ने भोजन के जरिए होने वाले संक्रमण, फूड पॉइजनिंग और एलर्जी जैसे गंभीर खतरों से बचने के तरीके बताए।
कार्यशाला में पैकेजिंग, लेबलिंग, सुरक्षित भंडारण (Storage) और कचरा प्रबंधन (Waste Management) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही कारोबारियों को साफ-सफाई के मानकों (GHP) और काम करने के सही तरीकों (SOP) को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया ताकि ग्राहकों को शुद्ध और सुरक्षित भोजन मिल सके।
बिना लाइसेंस दुकान चलाने पर 10 लाख तक का जुर्माना
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी राजेश कुमार शर्मा ने कारोबारियों को सख्त चेतावनी दी है कि किसी भी तरह का खाद्य व्यवसाय करने के लिए FSSAI लाइसेंस या पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस के खाने-पीने का व्यापार करना एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। प्रशासन का कहना है कि ग्राहकों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सभी दुकानदारों को सुरक्षा के निर्धारित मानकों का हर हाल में पालन करना होगा।
अखबार या प्लास्टिक में गर्म खाना देना अब प्रतिबंधित, शिकायत के लिए नंबर जारी
खाद्य सुरक्षा विभाग ने दुकानदारों को सख्त निर्देश दिया है कि समोसा, जलेबी और पकौड़े जैसे गर्म खाद्य पदार्थ अब अखबार, प्रिंटेड पेपर या प्लास्टिक में नहीं दिए जाएंगे, क्योंकि इनकी स्याही और केमिकल सेहत के लिए खतरनाक हैं। इसके साथ ही, मिलावट रोकने के लिए दुकान पर FSSAI QR कोड लगाना और पैकेट पर पूरी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। मिलावटी या एक्सपायरी सामान की शिकायत के लिए विभाग ने टोल-फ्री नंबर 1800112100 और ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ ऐप भी जारी किया है, ताकि ग्राहक अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठा सकें।









