
नकली जीरा और काली मिर्च की समस्या आजकल बहुत बढ़ गई है, खासकर त्योहारों के मौसम में। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में 25 टन नकली जीरा और काली मिर्च जब्त की है, जो नकली रंगों, मार्बल पाउडर, फेंनल और गाजर के बीज से बनाई गई थी। ऐसे नकली मसाले न केवल खाने का स्वाद बिगाड़ते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं।
नकली मसाले पहचानने का आसान तरीका
- पानी में डालकर जांचें: असली मसाला पानी में डूब जाता है जबकि नकली तैरते हैं।
- सूंघने की क्षमता: असली मसाले से तीखा और प्राकृतिक खुशबू आती है, नकली में खुशबू कम या जली हुई जैसी होती है।
- हाथ पर रगड़कर जांचें: असली जीरे से हाथों पर काला रंग नहीं आता, नकली मसाला हाथों पर रंग छोड़ता है।
- रंग और बनावट: असली मसाले का रंग मद्धम और प्राकृतिक होता है, नकली मसाले चमकीले और बहुत परफेक्ट दिखते हैं।
- जलाकर खुशबू महसूस करें: असली मसाला जलाए जाने पर मसाले जैसी खुशबू देता है, नकली में जलने पर बदबू आती है।
FSSAI की कार्रवाई और सलाह
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 2025 में मसालों की गुणवत्ता जांच के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान के दौरान नकली मसालों का भंडाफोड़ हुआ। FSSAI जनता को हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से ही मसाले खरीदने की सलाह देती है। इसके अलावा पैकेजिंग, लेबलिंग और गुणवत्ता प्रमाणपत्र की जांच करना जरूरी है।
भारत में मसालों की गुणवत्ता की सुरक्षा के लिए FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त कई खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं भी हैं, जो नियमित रूप से नमूनों की जांच करती हैं। नकली मसालों से बचाव के लिए सावधानी बेहद आवश्यक है क्योंकि ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस सरल लेकिन प्रभावी जांच के तरीके अपनाकर आप अपने परिवार की सेहत और स्वाद दोनों का ध्यान रख सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप केवल भरोसेमंद दुकानों या ब्रांडों से ही मसाले खरीदें और उनकी गुणवत्ता की पूरी जांच करें। यह सावधानी न केवल आपके पैसे की बचत करेगी बल्कि स्वास्थ्य जोखिमों से भी बचाएगी।








