
पीसीएस अधिकारी आरती गुप्ता की सफलता की कहानी बताती है कि अगर आप अपने लक्ष्य के लिए पूरी मेहनत करते हैं, तो किस्मत भी झुक जाती है। आरती का अधिकारी बनने का सफर आसान नहीं था; उन्हें सहकर्मियों के ताने सुनने पड़े और घर-परिवार तथा बच्चों की जिम्मेदारियां भी संभालनी पड़ीं। तमाम मुश्किलों के बावजूद, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी आँखें सिर्फ लक्ष्य पर टिकाए रखीं। आखिरकार, आरती ने पीसीएस अधिकारी बनकर अपनी एक खास पहचान बनाई और आज उनकी यह कहानी कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
PCS अफसर आरती की कहानी
एक इंटरव्यू में आरती गुप्ता ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के मुंशीगंज की रहने वाली हैं। उन्होंने हिंदी माध्यम से पढ़ाई पूरी की। उनके परिवार में उनकी माँ शिक्षक थीं और उनके दो छोटे भाई हैं। स्कूल की शिक्षा के बाद, उन्होंने बीटीसी (BTC) कोर्स किया था। बीटीसी के वार्षिक उत्सव के दौरान जिलाधिकारी अमृता सोनी को देखकर उन्होंने अधिकारी बनने का फैसला कर लिया था। हालांकि, सही मार्गदर्शन न मिलने के कारण बीटीसी के बाद उन्होंने एक प्राइमरी टीचर की नौकरी शुरू कर दी। इसी बीच उनकी शादी भी हो गई और वह दो बच्चों की माँ बन गईं।
फेसबुक पर दोस्त की प्रोफाइल को देखकर हुई प्रेरित
आरती ने बताया कि जब उन्होंने फेसबुक पर एक दोस्त की प्रोफाइल देखी, जो जर्मनी में डॉक्टर हैं, तो उन्हें अपने भूले हुए सपने की याद आई और वह प्रेरित हुईं। इसके बाद, उन्होंने पीसीएस परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी जुटाई और जब 2018 का नोटिफिकेशन आया, तो उन्होंने इस परीक्षा को पास करने का पक्का इरादा कर लिया और पूरी लगन से पढ़ाई शुरू कर दी।
बिना कोचिंग के शुरू की पीसीएस परीक्षा की तैयारी
आरती ने बिना किसी कोचिंग के पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की। इसी दौरान उनके साथ एक ऐसी घटना हुई जिसने उन्हें पूरी तरह से प्रेरित कर दिया। जिस स्कूल में वह पढ़ाती थीं, वहाँ उनके साथी शिक्षकों ने उन्हें ताने मारे और एक इवेंट के फोटो सेशन के दौरान उन्हें धक्का देकर कहा कि “तुम्हारी औकात क्या है,” और चुनौती दी कि “कुछ करके दिखाओ तो जानें।” इस अपमान ने आरती को अपनी ज़िंदगी बदलने के लिए मजबूत प्रेरणा दी।
कई मुश्किलों के बाद पूरा किया अपना सपना
इन चुनौतियों के बावजूद, आरती ने अपनी तैयारी जारी रखी और अपने रूटीन पर टिकी रहीं। उन्होंने पहले प्रीलिम्स तो पास कर लिया, लेकिन 2018 में मेंस परीक्षा में सफल नहीं हो पाईं। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर दोबारा तैयारी शुरू की, मगर पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वह 2019 में परीक्षा नहीं दे सकीं। आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने PCS-2020 की परीक्षा में 12वीं रैंक हासिल करके अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा कर लिया।








