
नवरात्री की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्री के नौ दिनों में माँ दुर्गा की पूजा -आरती की जाती है। जैसा की हम जानते है कि पूजा करने के बाद आरती की जाती है। आरती के समय भगवान के सामने दीपक घुमाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से भक्त और भगवान के बीच एक खास रिश्ता बनता है. दुर्गा आरती देवी दुर्गा को खुश करने, उनका आशीर्वाद लेने और बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए आरती करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिम्मत और दया का प्रतीक माना जाता है. उनकी आरती करने से हमे ताकत और हिम्मत मिलती है।
दुर्गा आरती की सही विधि
दुर्गा आरती करने का भी एक सही तरीका होता है, जिससे आपको पूरा फायदा मिलता है।
- सबसे पहले नहाकर साफ कपड़े पहनें और पूजा की जगह को गंगाजल से शुद्ध करें। आरती के लिए ज़रूरी सामान, जैसे दीपक, घी या तेल, रुई, कपूर, फूल और घंटी को रखें।
- घी या तेल का एक दीपक जलाएँ।
- अब एक थाली में दीपक और फूल रखें। फिर शंख और घंटी बजाते हुए आरती शुरू करें।
- आरती की थाली को घड़ी की दिशा में घुमाते हुए देवी के सामने इस तरह फेरें:
- सबसे पहले उनके चरणों पर चार बार।
- फिर नाभि पर दो बार।
- इसके बाद, चेहरे पर एक बार।
- अंत में पूरे शरीर पर सात बार।
- आरती पूरी होने के बाद, दीपक की लौ पर दोनों हाथों को फेरकर, उन्हें अपने माथे, कान और चेहरे पर लगा लें।
भजन और मंत्र का महत्व
दुर्गा पूजा के समय आप मंत्रों और भजनों का जाप कर सकते हैं। जैसे:
- दुर्गा मंत्र: ‘ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली…’ जैसे मंत्रों का जाप करना शुभ होता है।
- दुर्गा चालीसा: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भी देवी मां खुश होती हैं।
- दुर्गा सप्तशती: दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी बहुत अच्छा माना जाता है।
दुर्गा मां की पूजा और आरती करने से भक्तों को बहुत सारा सुख, धन और संपत्ति प्राप्त होता है। जो लोग हर दिन माँ दुर्गा की पूजा करते हैं, उनके सभी दुःख दूर हो जाते है और उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।