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G7 को रिप्लेस करेगा C5! ट्रम्प बना रहे 5 ताकतवर देशों का ग्रुप, भारत, रूस और चीन होंगे शामिल

क्या दुनिया की सबसे शक्तिशाली ग्रुपिंग G7 अब इतिहास बन जाएगी? खबर है कि ट्रंप G7 की जगह C5 नाम से एक नया 5 ताकतवर देशों का समूह बनाना चाहते हैं, जिसमें भारत, रूस और चीन जैसे बड़े देश शामिल होंगे। जानें, इस नए सुपर-क्लब के पीछे ट्रंप की क्या रणनीति है!

By Pinki Negi

G7 को रिप्लेस करेगा C5! ट्रम्प बना रहे 5 ताकतवर देशों का ग्रुप, भारत, रूस और चीन होंगे शामिल
G7 को रिप्लेस करेगा C5

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नया और शक्तिशाली ग्रुप “कोर-5” या “C5” (Core-5) बनाने की योजना बना रहे हैं। इस संभावित ग्रुप में सिर्फ पाँच देश शामिल होंगे: अमेरिका, भारत, चीन, रूस और जापान। इस नए क्लब की सदस्यता के लिए पैसा या पूर्ण लोकतंत्र होने की शर्त नहीं होगी, बल्कि बड़ी आबादी, मजबूत सेना और बड़ी अर्थव्यवस्था जैसी वास्तविक ताकत ही देखी जाएगी, जिसका मतलब है कि यह G-7 जैसे पुराने नियमों को खत्म कर देगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विचार ट्रंप के अंदाज़ में है—बड़ी शक्तियों को एक साथ लाना और बाकी औपचारिकताओं को नज़रअंदाज़ करना—हालांकि व्हाइट हाउस ने इस योजना से संबंधित किसी भी दस्तावेज़ के होने से साफ इनकार किया है।

भारत के लिए महत्वपूर्ण नया ग्रुप और मध्य-पूर्व की सुरक्षा

इस नए समूह की पहली बैठक का मुख्य उद्देश्य मध्य-पूर्व की सुरक्षा होगी, जिसमें इज़रायल और सऊदी अरब को एक-दूसरे के करीब लाना शामिल है। भारत के लिए यह समूह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 140 करोड़ की आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश होने के नाते, भारत इस क्लब में एक बराबर का और महत्वपूर्ण भागीदार होगा।

नया ग्रुप बनने पर बदल सकती है दुनिया की ताकत

विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए ग्रुप का बनना इतना आसान नहीं है, क्योंकि इसे लेकर कई बड़ी चिंताएँ हैं। यूरोप के देश डरे हुए हैं कि इससे रूस बहुत शक्तिशाली हो जाएगा और NATO कमजोर पड़ सकता है। एशिया में भी मुश्किलें हैं, जैसे जापान और चीन के बीच पुराना तनाव और भारत-चीन सीमा विवाद। इन चुनौतियों के बावजूद, अगर यह ग्रुप बन जाता है, तो इससे दुनिया का राजनीतिक नक्शा पूरी तरह से बदल सकता है।

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव

डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल (2025 से) शुरू होते ही भारत और अमेरिका के बीच पुराने दोस्ताना रिश्तों में तनाव आ गया। ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ (America First) नीति के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद बढ़ गए, खासकर अधिक टैरिफ (Tariff) लगाने के कारण भारत पर काफी दबाव बना।

रूस से तेल खरीदने और व्यापार असंतुलन को बहाना बनाकर अमेरिका ने भारत पर भारी टैक्स लगा दिए। इस कदम से न केवल भारत को आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी पर भी सवाल खड़े हो गए थे, जो पहले कार्यकाल (2017-2021) में मौजूद तनाव से भी अधिक गंभीर था।

ट्रंप के कार्यकाल में भारत-अमेरिका व्यापार तनाव

डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में, भारत और अमेरिका के संबंध व्यापारिक मोर्चे पर तनावपूर्ण रहे थे। हालांकि भारत को शुरुआत में आशा थी, पर जल्द ही अमेरिका ने टैरिफ की बौछार कर दी। उन्होंने भारत पर 25% ‘रिसिप्रोकल’ टैरिफ लगाया, और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी तेल खरीदने के लिए 25% अतिरिक्त पेनल्टी भी लगाई।

इस तरह भारत पर एशिया में कुल 50% का सबसे अधिक टैरिफ लगा दिया गया। व्यापारिक डील न होने और H-1B वीज़ा पर बढ़े शुल्क के कारण भी तनाव बढ़ा। इस ‘मिनी ट्रेड वॉर’ के जवाब में, भारत ने BRICS और रूस-चीन जैसे अन्य देशों के साथ अपने संबंध मजबूत किए। अब यह देखना है कि भविष्य में ट्रंप का भारत के प्रति रुख कैसा रहेगा।

भारत के लिए बड़े मंच पर आने का अवसर

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि G-7 समूह पुराना हो चुका है और वे इसे दुनिया की असली बड़ी ताकतों को शामिल करके बड़ा करना चाहते हैं। इस संभावित विस्तार में भारत को अमेरिका, रूस, चीन और जापान जैसी प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ एक मंच पर बैठने का मौका मिल सकता है।

हालाँकि भारत सरकार ने अभी तक इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच बढ़ती करीबी को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर बहुत उत्साहित हैं, जहाँ कुछ लोग भारत के सुपर पावर बनने की बात कर रहे हैं, तो कुछ चीन के साथ बैठने की संभावना पर सवाल उठा रहे हैं।

विश्व राजनीति में नए गठबंधनों का उदय

ट्रंप दुनिया के पुराने राजनीतिक समूहों को बदलकर एक नया और ज़्यादा शक्तिशाली गठबंधन बनाना चाहते हैं, जिसमें भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। यह देखना बाकी है कि यह सपना सच होता है या नहीं, लेकिन एक बात तय है कि वैश्विक राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव और हलचल शुरू होने वाली है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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