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अब नहीं करना पड़ेगा इंतज़ार! DGCA ने तय की 21 दिन में फ्लाइट टिकट रिफंड की डेडलाइन

अगर आपका फ्लाइट टिकट कैंसिल हो गया है और आप रिफंड का इंतज़ार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है! DGCA ने एयरलाइंस के लिए 21 दिनों की डेडलाइन तय कर दी है। जानें, क्या हैं वे सख़्त नए नियम, जो आपको अब तुरंत राहत देंगे।

By Pinki Negi

अब नहीं करना पड़ेगा इंतज़ार! DGCA ने तय की 21 दिन में फ्लाइट टिकट रिफंड की डेडलाइन
Flight Ticket Refund

क्या आपको भी फ्लाइट कैंसिल होने पर रिफंड के लिए महीनों इंतज़ार करना पड़ा है? अगर हाँ, तो यह आपके लिए राहत की खबर है। यात्रियों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए, भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने टिकट रिफंड के नियमों में बड़ा सुधार करने का फैसला किया है। नए नियमों के अनुसार, अब सभी एयरलाइंस के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे यात्रियों को एक तय समय-सीमा के अंदर उनका रिफंड वापस करें।

DGCA के नए रिफंड नियम

DGCA ने यात्रियों को टिकट कैंसिल या फ्लाइट मिस होने पर जल्दी और पूरा रिफंड सुनिश्चित करने के लिए ये अहम बदलाव प्रस्तावित किए हैं:

  • 21 कार्यदिवसों में रिफंड अनिवार्य
    • अगर आपने टिकट किसी ट्रैवल एजेंट या ऑनलाइन पोर्टल से बुक किया है, तो एयरलाइन को 21 वर्किंग डेज़ (कार्यदिवसों) के अंदर रिफंड देना होगा।
  • सभी टैक्स और फीस का रिफंड
    • अब एयरपोर्ट टैक्स, फ्यूल फीस और अन्य शुल्क भी वापस करने होंगे, भले ही टिकट का किराया “नॉन-रिफंडेबल” क्यों न हो।
  • 48 घंटे की ‘फ्री लुक-इन’ विंडो
    • अगर आपने टिकट बुक करने के 48 घंटे के अंदर उसे कैंसिल कर दिया, तो एयरलाइन कोई कैंसलेशन चार्ज नहीं लेगी।
  • क्रेडिट शेल की मजबूरी नहीं
    • एयरलाइंस अब यात्रियों की अनुमति के बिना रिफंड के बदले क्रेडिट शेल नहीं बना पाएंगी।
  • पारदर्शिता ज़रूरी
    • बुकिंग के समय ही कैंसलेशन चार्ज और रिफंड की पूरी प्रक्रिया का विवरण स्पष्ट रूप से दिखाना एयरलाइंस के लिए अनिवार्य होगा।

विदेशी एयरलाइंस के लिए नियम

हाँ, जो विदेशी एयरलाइंस भारत से ऑपरेट करती हैं, उन्हें भी DGCA के नए रिफंड नियमों का पालन करना होगा। भले ही उनके अपने देश के नियम लागू हों, लेकिन जब बात भारत में टिकट कैंसिल या रिफंड की होगी, तो उन्हें भारत की तय समय-सीमा और रिफंड प्रोसेसिंग सिस्टम को मानना अनिवार्य होगा।

मेडिकल इमरजेंसी में पूरा रिफंड

DGCA के नए नियमों के अनुसार, यदि किसी यात्री को या उसके परिवार में कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाती है, तो एयरलाइन को टिकट कैंसिल करने पर पूरा रिफंड देना होगा, या फिर यात्री की इच्छा पर क्रेडिट शेल (ट्रैवल वाउचर) का विकल्प देना होगा। DGCA ने स्पष्ट किया है कि यह नियम संवेदनशील परिस्थितियों में यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए लाया गया है।

शिकायतों के बाद DGCA की सख़्ती

DGCA ने यह बदलाव इसलिए किया, क्योंकि कई एयरलाइंस यात्रियों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही थीं। अक्सर, यात्रियों को महीनों तक रिफंड नहीं मिलता था, या उनकी मर्ज़ी के बिना उन्हें ट्रैवल वाउचर (क्रेडिट शेल) दे दिया जाता था, जिसे इस्तेमाल करना मुश्किल होता था। लगातार बढ़ती इन समस्याओं को देखते हुए, DGCA ने नए मानक (बेंचमार्क) तय किए हैं, ताकि हवाई यात्रियों को समय पर उनका सही रिफंड मिल सके।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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