CGHS में बड़ा बदलाव! अब दवाइयों पर रिंबर्समेंट लेना होगा पहले से कहीं आसान – जानिए नया नियम

CGHS लाभार्थियों को अब OPD दवाओं के लिए NAC की जरूरत नहीं। 28 अप्रैल से 31 मई 2025 तक डॉक्टर की पर्ची से ही रिटेल दुकान से दवा खरीदकर रिंबर्समेंट प्राप्त किया जा सकेगा। नया HMIS सिस्टम हुआ लागू।

By GyanOK

CGHS में बड़ा बदलाव! अब दवाइयों पर रिंबर्समेंट लेना होगा पहले से कहीं आसान – जानिए नया नियम
Central Government Health Scheme

केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) से जुड़े लाखों लाभार्थियों के लिए यह एक बड़ी खबर है कि अब ओपीडी दवाओं को लेकर पहले जैसी कड़ी प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत CGHS लाभार्थी अब ओपीडी की दवाएं बिना नॉन-अवेलेबिलिटी सर्टिफिकेट (NAC) के सीधे बाजार से खरीद सकते हैं। यह बदलाव एक अस्थायी छूट के रूप में आया है, लेकिन इसका असर बहुत ही व्यावहारिक और लाभकारी है।

पुराने नियमों में थी NAC की बाध्यता

अब तक CGHS के तहत किसी लाभार्थी को अगर किसी दवा की आवश्यकता होती थी और वह CGHS वेलनेस सेंटर में उपलब्ध नहीं होती थी, तो बाहर की दुकान से दवा खरीदने से पहले उसे NAC प्रमाणपत्र प्राप्त करना पड़ता था। यह प्रमाणपत्र यह साबित करता था कि वह दवा CGHS में नहीं मिल रही है। बिना इस प्रमाणपत्र के यदि मरीज बाहर से दवा खरीदते, तो उन्हें रिंबर्समेंट नहीं मिल पाता था। लेकिन अब यह बाध्यता अस्थायी रूप से समाप्त कर दी गई है।

नए डिजिटल HMIS प्लेटफॉर्म के कारण हुआ बदलाव

यह राहत इसलिए दी गई है क्योंकि CGHS का पूरा सिस्टम अब एक नए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है। 28 अप्रैल 2025 से पुराना NIC प्लेटफॉर्म बंद कर दिया गया और एक नया Health Management Information System (HMIS), जिसे C-DAC ने विकसित किया है, लागू कर दिया गया है। इस तकनीकी बदलाव के चलते शुरुआत में दवाओं की उपलब्धता को लेकर कई तरह की परेशानियां सामने आईं। इन्हीं असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने 28 अप्रैल से 31 मई 2025 तक की अवधि के लिए NAC की आवश्यकता को अस्थायी रूप से समाप्त कर दिया है।

अब केवल डॉक्टर की वैध पर्ची पर मिलेगा रिंबर्समेंट

इस नई व्यवस्था में लाभार्थी अब किसी भी रिटेल फार्मेसी से दवाएं खरीद सकते हैं, यदि वह CGHS वेलनेस सेंटर में उपलब्ध नहीं हो। इसके लिए केवल डॉक्टर द्वारा दी गई वैध पर्ची पर्याप्त होगी। इससे पहले की तरह NAC लेने की आवश्यकता नहीं होगी, और इसके बावजूद उन्हें दवा का रिंबर्समेंट मिल सकेगा। यह बदलाव विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए एक बड़ी राहत है।

पुरानी CGHS वेबसाइट्स बंद, नई वेबसाइट हुई सक्रिय

इस बदलाव के साथ ही CGHS की पुरानी वेबसाइटें – www.cghs.nic.in और www.cghs.gov.in – को बंद कर दिया गया है। अब सभी सेवाएं केवल www.cghs.mohfw.gov.in पर उपलब्ध हैं। नई वेबसाइट में आधुनिक सुविधाएं, यूजर फ्रेंडली इंटरफेस और अधिक पारदर्शिता के लिए विशेष तकनीकी फीचर्स जोड़े गए हैं, जिससे लाभार्थियों को सेवाएं पाने में आसानी होगी।

रिंबर्समेंट की प्रक्रिया

इस अस्थायी छूट के अंतर्गत रिंबर्समेंट प्रक्रिया पहले जैसी ही रहेगी, लेकिन अब NAC के बिना भी यह संभव है। लाभार्थियों को डॉक्टर की पर्ची और दवा की रसीद के साथ संबंधित विभाग में आवेदन करना होगा:

  • पेंशनर्स को अपने ज़ोन के CGHS एडिशनल डायरेक्टर के पास आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया CMO की सिफारिश के साथ पूरी की जाती है।
  • सेवारत कर्मचारी अपने कार्यालय या विभाग के जरिए रिंबर्समेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • सांसद (MPs) को लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
  • स्वायत्त संस्थान और एयर इंडिया जैसे संगठनों से जुड़े लाभार्थी अपने संस्थान के माध्यम से यह कार्य कर सकते हैं।

20 साल पुराना सिस्टम बंद हुआ, पूरी सिस्टम हुआ डिजिटल

2005 से चल रही CGHS की पुरानी डिजिटल प्रणाली को अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है क्योंकि पहली बार CGHS का संचालन पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हुआ है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि सेवा वितरण की गति और गुणवत्ता भी बेहतर होगी।

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