
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में शिक्षा सिस्टम में सुधार के लिए स्कूलों की मान्यता, शिक्षकों की भर्ती और बोर्ड परीक्षा पैटर्न में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये नियम न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगे, बल्कि छात्रों को रटने की बजाय सोचने और समझने पर भी ज़ोर देंगे।
लों के बुनियादी ढांचे और सेक्शन से जुड़े नए नियम
सीबीएसई ने स्कूलों के सुरक्षित और प्रभावी संचालन के लिए बुनियादी ढांचे और कक्षा की क्षमता को लेकर सख्त नियम बनाए हैं:
- छात्रों की अधिकतम संख्या: अब एक क्लास (सेक्शन) में अधिकतम 45 छात्र ही दाखिला ले सकते हैं। (पहले यह सीमा 40 थी)। इससे ज़्यादा छात्रों के लिए स्कूल को अलग सेक्शन बनाना होगा।
- बुनियादी ढांचे का अनुपात: स्कूलों में कक्षाओं की संख्या स्कूल के कुल बिल्ट-अप कार्पेट एरिया पर निर्भर करेगी। 9वीं-10वीं और 11वीं-12वीं के सेक्शन्स की संख्या, कुल सेक्शन्स के एक-चौथाई (25%) से ज़्यादा नहीं हो सकती।
- अतिरिक्त जगह की अनिवार्यता: हर तीन अतिरिक्त सेक्शन्स खोलने के लिए, स्कूल को कम से कम 400 वर्ग मीटर का अतिरिक्त कार्पेट एरिया उपलब्ध कराना आवश्यक होगा।
- सीसीटीवी निगरानी: सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, स्कूलों के कॉरिडोर, लैबोरेटरी, और एंट्री-एग्जिट गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है। स्कूलों को इन रिकॉर्डिंग का डेटा 15 दिनों तक सुरक्षित रखना होगा।
शिक्षकों की भर्ती और कार्य से संबंधित बदलाव
शिक्षकों की गुणवत्ता और उनके कार्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए निम्नलिखित नियम लाए गए हैं:
- गैर-शैक्षणिक कार्यों पर रोक: अब शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में तैनात नहीं किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक अपना समय पूरी तरह से छात्रों को पढ़ाने और उनके शैक्षणिक विकास पर दें।
- नियोजन और वेतनमान: शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ही की जाएगी और उनका वेतनमान भी राज्य सरकार के अनुरूप होगा। नियुक्ति को स्कूल प्रबंधन समिति की मंज़ूरी मिलना आवश्यक है।
परीक्षा और छात्रों से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव
ये नियम छात्रों की मूल्यांकन पद्धति और परीक्षा के लचीलेपन पर ज़ोर देते हैं, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप हैं:
- कक्षा 10 में दो बार परीक्षा: वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षा से, छात्र कक्षा 10 में दो बार बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे। छात्रों को यह सुविधा होगी कि वे दोनों प्रयासों में से अपने सर्वश्रेष्ठ स्कोर को फाइनल रिजल्ट के लिए चुन सकें।
- 75% उपस्थिति अनिवार्य: बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी। यदि कोई छात्र नियमित रूप से अनुपस्थित रहता है, तो स्कूल को अभिभावकों को सूचित करना होगा, क्योंकि उपस्थिति कम होने पर उन्हें परीक्षा में बैठने से रोका जा सकता है।
- परीक्षा पैटर्न में बदलाव: परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया है, जिसके तहत रटने के बजाय छात्रों की समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता (Analytical Skills) पर आधारित प्रश्नों को अधिक महत्व दिया जाएगा।
- आंतरिक मूल्यांकन का महत्व: आंतरिक मूल्यांकन को अंतिम परिणाम में अधिक महत्व दिया जाएगा।








