
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने प्रत्येक कक्षा में छात्रों की संख्या को लेकर एक अहम फैसला लिया है। CBSE ने स्कूलों की मांग को देखते हुए अब विशेष परिस्थितियों में कक्षा 1 से 2 तक के प्रत्येक सेक्शन में 45 छात्रों को दाखिला देने की अनुमति दे दी है। हालाँकि सामान्य स्थिति में यह सीमा 40 छात्रों की रखी गई है, बोर्ड के इस फैसले से ऐसे स्कूल जहाँ छात्रों की संख्या तेजी बढ़ रही है लेकिन सीटें सीमित होने के कारण उन्हें एडमिशन देने में परेशानी हो रही है उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
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45 छात्रों से अधिक का नही होगा दाखिला
बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों में यह साफ कर दिया गया है की किसी भी स्थिति में 45 से अधिक छात्रों को एडमिशन नहीं दिया जा सकता, इसके साथ ही कुछ जरुरी मानक जैसे कक्षा का आकर कम से कम 500 वर्ग फुट होना चाहिए। प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम 1 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र तय होना चाहिए, यह नियम सीबीएससी एफिलिएशन बायोलॉजी 2018 के कॉलेज 4.8 के तहत लागू किए गए हैं।
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विशेष परिस्थितियों में मिलेगा लाभ
सीबीएससी द्वारा स्कूलों में छात्रों की संख्या को 40 से बढाकर 45 करने के इस फैसले में छूट केवल विशेष और जरुरी निम्नलिखित परिस्थितियों में ही दी जाएगी।
- जिन छात्रों के माता-पिता का तबादला हुआ है (मुख्य रूप से सेना, केंद्र सरकार, पीएसयू या प्राइवेट सेक्टर में)
- गंभीर बिमारी से पीड़ित छात्र
- ऐसे छात्र जो Essential Repeat श्रेणी में आते हैं, यानी किसी वजह से उसी कक्षा में दोबारा पढ़ रहे हैं।
- वे छात्र जो परफॉर्मेंस सुधारने के लिए फिर से उसी कक्षा में दाखिला लेना चाहते हैं।
- हॉस्टल छोड़कर दिन में आने वाले छात्रों के लिए ट्रांसफर के मामले।
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रिकॉर्ड की देनी होगी जानकारी
सीबीएसई द्वारा जारी दिशा-निर्देश में यह साफ किया गया है की यदि एक सेक्शन में 40 से अधिक छात्रों को दाखिला दिया जाता है तो उसकी जानकारी रिकॉर्ड में दर्ज करनी होगी। इसमें कक्षा 9वीं से 12वीं तक कारण को सीबीएससी और OASIS पोर्टल पर अपलोड करना होगा और एडमिशन/ विड्रॉल रजिस्टर में दर्ज करना जरुरी होगा। वहीं कक्षा 1 से 8वीं तक कारण केवल एडमिशन/ विड्रॉल रजिस्टर में दर्ज होगा।