
Swiss Bank Account: स्विट्जरलैंड के स्विस बैंक की चर्चा आजकल फिर से शुरू हो गई है। बता दें हाल ही में स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत को कई भारतीय नागरिकों के बैंक खातों की जानकारी भेजी है। इससे साबित होता है कि ब्लेक मनी पर बड़ी कार्यवाई हो सकती है। जब से यह खबर आई है तब से लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि स्विस बैंक में हर कोई अपना खाता खुलवा सकता है या नहीं। लेकिन कई लोगों का कहना है कि काले धन को छुपाने के लिए इस बैंक में सिर्फ अरबपति की अपना खाता खुलवा सकते हैं। तो चलिए इस राज को जानते हैं कि असली सच क्या है।
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Swiss Bank Account की खासियत बात
हर कोई जानना चाहते हैं कि आखिर स्विस बैंक इतने ख़ास क्यों होते हैं तो बता दें यह दुनिया में अपनी तगड़ी प्राइवेसी कानूनों के लिए जाने जाते हैं। इसके गोपनीयता कानून इतने कड़े हैं कि यह ऐसे ही अपने खाताधारक की डिटेल्स नहीं देता है। स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट के तहत खाताधारक स्विट्जरलैंड में जब तक वित्तीय मामलों में अपराधी घोषित नहीं हो जाता उसकी बैंक जानकारी किसी को भी साझा नहीं की जाएगी। अगर इस नियम को कोई तोड़ता है तो उसे कड़ी सजा मिल सकती है।
इन बैंकों की गोपनीयता का इतिहास काफी पुराना है। 17वीं सदी से इनकी निजीता बनी हुई है, यानी की जानकारी को बहुत ही गुप्त रखा जाता है। स्विस बैंक ने यह सुरक्षा उन लोगों के लिए शुरू की थी जिनके देशों के राजनैतिक हालत बहुत बुरे होते हैं। उन लोगों का पैसा यह सुरक्षित रह सके, यही सरकार का उद्देश्य है।
क्या आम आदमी नहीं खोल सकता खाता?
जी नहीं, स्विस बैंक में कोई भी व्यक्ति खाता खोल सकता है चाहे वह आम आदमी हो या फिर करोड़पति। आप पहचान जुड़े डॉक्यूमेंट भेजकर खाता खुलवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। यहाँ पर बिना नाम के खाते भी खुलवाए जाते हैं जिन्हे नंबर्ड अकाउंट कहते हैं इसमें आपको एक नंबर दिया जाएगा जिसका इस्तेमाल करके आप लेनदेन कर सकते हैं यह प्राइवेसी के लिए दिया होता है। लेकिन इस अकाउंट को खुलवाना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसके लिए आपको पहले स्विट्जरलैंड जाना होगा और 70 लाख रूपए जमा करने हैं। इसके साथ ही आपको हर साल 20,000 की मेंटेनेंस फीस भी भरनी होगी।
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काले धन पर लग रही है रोक
दुनिया में लोग अपना काला धन छुपाने के लिए स्विस बैंक में अपना अकाउंट खुलवा लेते हैं यह एक सच बात है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि वित्तीय अपराध बढ़ते जा रहें हैं साथ ही अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बन रहा है जिसके चलते स्विस सरकार ने अपने नियमों में बदलाव किया है। टैक्स देने से कोई बच न सके इसके लिए स्विट्जरलैंड सरकार अब अन्य देशों के साथ बैंक डिटेल्स शेयर कर रही है।