
भारत की सबसे बड़ी डोमेस्टिक इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) ने एक अहम कदम उठाते हुए अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) में अपनी लगभग 2% हिस्सेदारी घटा दी है। एक्सचेंजों को दी गई नवीनतम जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 से दिसंबर 2025 के बीच LIC ने ओपन मार्केट के ज़रिए यह सेल की है।
पहले LIC की हिस्सेदारी 9.35% थी, जो अब घटकर 7.34% रह गई है। इस दौरान संस्थान ने करीब 3.89 करोड़ शेयर बेचे, जो 2.007% के बराबर हैं। नई वैल्यूएशन के अनुसार अब LIC के पास 15.86 करोड़ शेयर बचे हैं।
क्यों घटाई गई हिस्सेदारी?
LIC की यह हिस्सेदारी ट्रिमिंग कई ट्रेडर्स और एनालिस्ट्स के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जहां एलआईसी अपने इन्वेस्टमेंट को विविध (diversified) बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।
अदाणी पोर्ट्स का स्टॉक पिछले एक साल में करीब 20.7% रिटर्न दे चुका है और अपने 52-वीक हाई ₹1,548.60 के बेहद करीब ट्रेड कर रहा था। ऐसे में, संस्था द्वारा हल्की प्रोफिट बुकिंग करना एक स्वाभाविक कदम माना जा रहा है।
अदाणी ग्रुप में LIC की कुल हिस्सेदारी
अदाणी समूह की कुल 10 कंपनियों में से 7 में LIC की हिस्सेदारी है। 2025 की दूसरी तिमाही तक उपलब्ध डेटा के अनुसार, निम्नलिखित कंपनियों में एलआईसी ने निवेश कर रखा है:
| अदाणी समूह की कंपनी | LIC की हिस्सेदारी (Q2 FY25) |
|---|---|
| अदाणी पोर्ट्स एंड SEZ | 7.73% |
| अदाणी एंटरप्राइजेज | 4.16% |
| अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस | 3.42% |
| अदाणी ग्रीन एनर्जी | 1.30% |
| अदाणी टोटल गैस | 6.02% |
| एसीसी लिमिटेड | 9.95% |
| अंबुजा सीमेंट | 7.31% |
अदाणी पावर, सांघी इंडस्ट्रीज और NDTV में LIC की कोई हिस्सेदारी नहीं है।
एसीसी में सबसे बड़ी होल्डिंग
अगर पूरे अदाणी समूह की बात करें तो एसीसी में LIC की सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी है। कंपनी में एलआईसी का स्टेक करीब 9.95% है, जो इसे ग्रुप की सबसे बड़ी पब्लिक शेयरहोल्डर बनाता है। सीमेंट सेक्टर हमेशा से डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ से जुड़ा हुआ माना जाता है, और LIC के लिए यह एक स्थिर रिटर्न देने वाला सेगमेंट रहा है। इसी वजह से एसीसी और अंबुजा सीमेंट जैसे स्टॉक्स उसके लंबे निवेश रडार पर बने हुए हैं।
निवेश प्रदर्शन और रिटर्न ट्रेंड
बीते 12 महीनों में अदाणी पोर्ट्स के शेयर ने 20.72% रिटर्न दिया है। जबकि, जिन्होंने इस स्टॉक में 5 साल या 10 साल तक निवेश बनाए रखा, उन्हें क्रमशः 226% और 528% तक का मल्टीबैगर रिटर्न मिला है।
ये आंकड़े दिखाते हैं कि अदाणी ग्रुप की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी अभी भी बरकरार है। खास बात यह भी है कि पिछले एक वर्ष के दौरान समूह की कंपनियों में कर्ज घटा, कैश फ्लो बेहतर हुआ और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस स्थिर रही।
मजबूत तिमाही परिणामों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा
फाइनेंशियल ईयर 2025–26 की दूसरी तिमाही में अदाणी पोर्ट्स ने शानदार नतीजे दिए। कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹3,120 करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में 29% की ग्रोथ है। इस दौरान कुल इनकम ₹10,004 करोड़ रही, जो Q2 FY24 के ₹7,372 करोड़ से काफी अधिक थी।
कंपनी की लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस यूनिट का मजबूत परफॉर्मेंस इसके प्रॉफिट में अहम योगदान रहा। इन आंकड़ों का असर मार्केट सेंटिमेंट पर भी साफ नजर आया, जिससे शेयर ने ₹1,524.40 का हाई टच किया।
LIC का फोकस अब Long-Term Balance पर
LIC एक लॉन्ग-होल्ड इन्वेस्टर है और इसका फोकस शॉर्ट-टर्म मार्केट मूवमेंट से ज्यादा स्ट्रक्चरल ग्रोथ पर होता है। अदाणी ग्रुप में हिस्सेदारी घटाना उसका अपना रिस्क-मैनेजमेंट अप्रोच माना जा रहा है, न कि किसी निगेटिव सिग्नल के रूप में। यह कदम यह भी दर्शाता है कि एलआईसी अपने पोर्टफोलियो में फ्लेक्सिबिलिटी रखती है ताकि बदलते मार्केट कंडीशन के हिसाब से वैल्यू और ग्रोथ का सही संतुलन बना रहे।









